यमुना-मसूरी पेयजल योजना से बुझेगी मसूरी की प्यास

देहरादून, राज्य में पर्यटन की दृष्टि से विश्व प्रसिद्ध मसूरी मे पेयजल की क्षमता को बढ़ाने को लेकर यमुना नदी से निर्माणाधीन पेयजल योजना के आने वाले माह में चालू होने की उम्मीद जतायी जा रही है। जिसके बाद मसूरी में पेयजल के लिए पर्याप्त क्षमता विकसित की जा सकेगी। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने मसूरी झील से निजी वेंडरों के पानी लेने पर रोक लगा दी जिसके बाद चर्चा मे आयी मसूरी में अप्रैल से पेयजल की समस्या नहीं रहेगी। इस पेयजल योजना के अप्रैल माह से चालू करने को लेकर कार्य तेजी से हो रहा है। पेयजल योजना के लागू होने से मसूरी को पन्द्रह मिलियन लीटर डेली वाटर दिया जा सकेगा। मसूरी में सामान्य दिनों में पानी की सात एमएलडी और सप्ताह के आखिर मे आठ एमएलडी खपत होती है। वहीं गर्मियों के दिनों की बात करें तो मसूरी में पानी की खपत बढ़कर दस से ग्यारह एमएलडी हो जाती है। मसूरी में अभी साढ़े सात एमएलडी पेयजल की क्षमता है। जिसमें चार एमएलडी की सप्लाई स्थानीयों को और बाकी यहां के होटलों को दी जाती है। गर्मियों के दिनों में पर्यटकों से गुलजार मसूरी में पानी की आवश्यकता बढ़ जाती है। पानी की आपूर्ती को पूरा करने के लिए वाटर टैंकरों की मदद ली जाती है। जो प्राइवेट वेंडरों से मंगवाये जाते हैं। जिसे मसूरी की झील से भरकर लाया जाता है। कुछ समय पूर्व एनजीटी ने प्राइवेट वेडरों के झील से पानी लेने पर रोक लगा दी थी। हालांकि इसे लेकर सरकार पर रोक नहीं लगी है। सूत्रों के मुताबिक इसलिए पानी की आपूर्ति को लेकर शासन इस पर विचार कर रही है कि जब तक पेयजल योजना का कार्य पूरा न हो जाए तब तक मसूरी में जल संस्थान इसका प्रबंध करेगा।

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