देहरादून, उत्तराखंड की धामी सरकार के एक फैसले पर राज्य में सियासत गरमा गई है दअरसल धामी कैबिनेट ने आबकारी की नई पॉलिसी को मंजूरी दी है। इसके तहत सरकार ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए शराब से राजस्व प्राप्ति के लक्ष्य को 3600 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 4000 करोड़ रुपए कर दिया है। साथ ही एक्साइज ड्यूटी 20 रुपए तक कम करने का निर्णय लिया है। सरकार के इस फैसले से राज्य में शराब सस्ती होगी….वही राज्य सरकार ने शराब में गोवंश संरक्षण, खेलकूद एवं महिला कल्याण के लिए एक-एक रुपए प्रति बोतल सेस के रूप में लेने का फैसला भी लिया है। इस तरह से एक बोतल पर कुल 3 रुपये सेस लिया जाएगा। वहीं सरकार के इस फैसले पर विपक्ष ने सवाल खड़े करते हुए कहा कि एक तरफ सरकार चैत्र नवरात्रों को नारी शक्ति उत्सव के रुपए में मना रही है तो दूसरी तरफ शराब को सस्ती कर लोगों को शराब का आदि बना रही है
उत्तराखंड की धामी सरकार के एक फैसले पर राज्य में सियासत गरमा गई है दअरसल धामी कैबिनेट ने आबकारी की नई पॉलिसी को मंजूरी दी है। इसके तहत सरकार ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए शराब से राजस्व प्राप्ति के लक्ष्य को 3600 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 4000 करोड़ रुपए कर दिया है। साथ ही एक्साइज ड्यूटी 20 रुपए तक कम करने का निर्णय लिया है। सरकार के इस फैसले से राज्य में शराब सस्ती होगी….वही राज्य सरकार ने शराब में गोवंश संरक्षण, खेलकूद एवं महिला कल्याण के लिए एक-एक रुपए प्रति बोतल सेस के रूप में लेने का फैसला भी लिया है। इस तरह से एक बोतल पर कुल 3 रुपये सेस लिया जाएगा।
वहीं सरकार के इस फैसले पर विपक्ष ने सवाल खड़े करते हुए कहा कि एक तरफ सरकार चैत्र नवरात्रों को नारी शक्ति उत्सव के रुपए में मना रही है तो दूसरी तरफ शराब को सस्ती कर लोगों को शराब का आदि बना रही है…आपको बता दें कि राज्य सरकार ने इस बार नवरात्र को नारी शक्ति उत्सव के रूप में बड़े स्तर पर मनाने का फैसला लिया है। इसके लिए प्रमुख मंदिरों और देवी सिद्धपीठों में विशेष धार्मिक आयोजन किए जाएंगे।
कुल मिलाकर एक तरफ जहां सरकार चैत्र नवरात्रों को नारी शक्ति उत्सव के रुपए में मना रही है तो दूसरी तरफ सरकार ने शराब सस्ती कर महिलाओं की परेशानी को बढ़ा दिया है…..माना जाता है कि शराब सस्ती होने से महिलाओँ पर अत्याचार की घटनाएं बढ़ती है। हांलाकि सरकार के इस फैसले से शराब पीने वालों की लॉटरी लग गई है। सवाल ये है कि क्या राजस्व बढ़ाने के लिए सरकार के पास यही एक विकल्प है, क्या शराब सस्ती करने से सरकार शराब तस्करी पर रोक लगा पाएगी….क्या सरकार अपने इस फैसले से 4000 करोड़ से ज्यादा के राजस्व लक्ष्य को हांसिल कर पाएगी