लम्बे समय से अपनी मांगों को लेकर रोडवेज कर्मचारियों ने अब हड़ताल की चेतावनी दे दी है। उत्तराखण्ड परिवहन निगम के कर्मचारियों ने राष्ट्र्ीयकृत व निगम केे आरक्षित मार्गों पर सरकार द्वारा निजी बसों के संचालन की तैयारियों पर नाराजगी जताते हुए कहा है कि सरकार उनके साथ धोखा कर रही है। जिसके लेकर वे विरोध करेंगे। उत्तराखण्ड परिवहन निगम के कर्मचारियों ने संयुक्त मौर्चा के माध्यम से चेतावनी दी है कि अगर उन्नीस तक उनकी मांगे नहीं मानी गयी तो 20 अप्रैल को वे इसके विरोध में प्रदेशभर में हड़ताल करेंगे। इस एक दिवसीय आंदोलन में बसों का संचालन ठप रहेगा। संयुक्त मोर्चा ने एकदिवसीय हड़ताल से सम्बन्धी पत्र प्रबंन्ध निदेशक को भेज दिया है। इसमें टनकपुर, हरिद्वार और देहरादून बस अड्डों पर भी प्रदर्शन की चेतावनी दी है।
संयुक्त मोर्चा की बैठक में लिया निर्णय
आगामी बीस अप्रैल को होने वाली हड़ताल का निर्णय बीते दिन गुरूवार को आइएसबीटी देहरादून में हुई संयुक्त मोर्चा की बैठक में लिया गया। बैठक में पदाधिकारियों ने सरकार और प्रबंन्धक पर कर्मचारियों के साथ धोखा करने का आरोप लगाया। उन्होने कहा कि बीते दो माह पूर्व निगम प्रबंधन और परिवहन मंत्री चंदन रामदास ने मांगों पर सकारात्मक रूख दिखाया था। लेकिन अब तक मांगों को लेकर आदेश तो जारी हुआ नहीं बल्कि इसके विपरीत सरकार ने निगम के आरक्षित मार्गों पर निजी बसों के संचालन की तैयारी शुरू कर दी। संयुक्त मोर्चा ने यह भी कहा है कि एक दिवसीय आंदोलन के दौरान अगर निगम ने कर्मचारियों पर कार्यवाही की तो वे अनिश्चितकालीन धरने पर चले जायेेंगे।
आगामी बीस अप्रैल को होने वाली हड़ताल का निर्णय बीते दिन गुरूवार को आइएसबीटी देहरादून में हुई संयुक्त मोर्चा की बैठक में लिया गया। बैठक में पदाधिकारियों ने सरकार और प्रबंन्धक पर कर्मचारियों के साथ धोखा करने का आरोप लगाया। उन्होने कहा कि बीते दो माह पूर्व निगम प्रबंधन और परिवहन मंत्री चंदन रामदास ने मांगों पर सकारात्मक रूख दिखाया था। लेकिन अब तक मांगों को लेकर आदेश तो जारी हुआ नहीं बल्कि इसके विपरीत सरकार ने निगम के आरक्षित मार्गों पर निजी बसों के संचालन की तैयारी शुरू कर दी। संयुक्त मोर्चा ने यह भी कहा है कि एक दिवसीय आंदोलन के दौरान अगर निगम ने कर्मचारियों पर कार्यवाही की तो वे अनिश्चितकालीन धरने पर चले जायेेंगे।