गैरसैंण | कैबिनेट ने राज्य की नई पर्यटन नीति को मंजूरी दे दी है और नीति के तहत राज्य में पर्यटन सुविधाओं के विकास के लिए कई सेवाओं पर शत प्रतिशत तक सब्सिडी का प्रावधान किया गया है। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए अन्य प्रोत्साहन और छूट देने का निर्णय भी लिया गया है। भराड़ीसैंण में मुख्यमंत्री धामी जी की अध्यक्षता में वीरवार को विधानसभा भवन में कैबिनेट की बैठक आयोजित थी और इस बैठक में कुल सात प्रस्ताव आए जिनको कैबिनेट ने अनुमोदन दिया है। जबकि एक प्रस्ताव स्थगित हुआ। नई पर्यटन नीति के तहत नए पर्यटन उत्पादों और सेवाओं जैसे की हेली टूरिज्म, कैरावैन टूरिज्म, एडवेंचर टूरिज्म, कैब ऑपरेटर को 100 प्रतिशत पूंजीगत सब्सिडी देने की मंजूरी दे दी है। नई और पुरानी इकाइयों के कार्य विस्तार पर प्रोत्साहन देने का निर्णय भी लिया गया है। मंजूरी दी गई नई पर्यटन नीति के तहत कौशल प्रशिक्षण, विपणन, और अपशिष्ट उपचार के क्षेत्र में निवेश करने पर 25 से 50 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जाएगी। यह नीति अगले सात साल यानी 2030 तक प्रभावी रहने वाली है। पर्यटन क्षेत्र में निवेश प्रस्तावों को मंजूरी देने के लिए प्रक्रिया को आसान बनाया जाने वाला है। इज ऑफ डूइंग बिजनेस की वेबसाइट पर निवेशकों के लिए कॉमन एप्लीकेशन फॉर्म पात्रता प्रमाणपत्र के रूप में अब मान्य होगा। पूंजीगत सब्सिडी का लाभ उन पुराने निवेशकों को भी दिया जाने वाला है जोकी आतिथ्य इकाइयों का विस्तार करना चाहते हैं। प्रत्येक निवेश परियोजना की अर्हता के लिए निवेश की सीमा पांच करोड़ रुपये से कम नहीं की जाएगी। कैबिनेट ने ऋषिकेश योग महोत्सव के समय आयोजित हुए ड्रोन शो को करने वाली कंपनी के भुगतान को भी मंजूरी दी है। अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव वाले दिन ड्रोन शो के आयोजन के लिए केवल एक सिंगल विड आई थी और इसको देखते हुए ड्रोन शो आयोजित करने वाली कंपनी को 72 लाख के भुगतान की मंजूरी दी है और प्रस्ताव पर्यटन विभाग की तरफ से कैबिनेट में रखा गया था।
बिना अनुमति अब पेड़ काटने पर नहीं होगी सजा
अब राज्य में पेड़ काटने पर जेल की सजा नहीं दी जाएगी। कैबिनेट ने वन संरक्षण अधिनियम 1976 संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। अब इस कानून के तहत पेड़ काटने पर जेल की सजा दी जाने वाले प्रावधान को खत्म करके अर्थदंड को बढ़ाने की मंजूरी दी गई है। इस अपराध के लिए 100 रुपए अर्थदंड का प्रावधान था जिसको दोगुना कर दिया गया है। अब जुर्माने को पांच हजार रुपये प्रति पेड़ कर दिया गया है।
विधवा पुत्र वधू भी होंगे मृतक आश्रित में
कैबिनेट ने उत्तराखंड कर्मचारी मृतक सेवा नियमावली में बदलाव पर मुहर लगा दी है। अब सरकारी सेवा में तैनात कर्मचारी की सेवाकाल के दौरान अगर मृत्यु हो जाए तो उसके विधवा पुत्रवधू को मृतक आश्रित के रूप में अब नौकरी दी जाएगी। अभी तक तो नियमावली में सिर्फ मृतक के पुत्र का ही जिक्र हुआ था लेकिन अब विधवा पुत्र वधू को भी नियमावली में शामिल करने की मंजूरी दी गई है।
लोनिवि के 38 संविदा जेई ग्राम विकास में कार्य करेंगे
लोक निर्माण विभाग में संविदा पर तैनात 38 कनिष्ठ अभियंताओं को ग्राम्य विकास विभाग में शामिल कर लिया है और ये सभी अभियंता प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में कार्यरत थे। उनकी संविदा खत्म हो रही थी। इसको देखते हुए उनकी सेवाओं को अब प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना को लेने का निर्णय लिया गया है।