उत्तराखंड- केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह में सोने की परत लगाने का विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है। विपक्ष के बढ़ते हंगामें के बीच राज्य के पर्यटन एवं धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज ने जांच बैठा दी है। सतपाल महाराज ने सचिव धर्मस्व हरिचंद सेमवाल को उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं सतपाल महाराज ने कहा की केदारनाथ की धार्मिक आस्था और पवित्रता के साथ खिलवाड़ करने वालों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा हालांकि महाराज ने भ्रष्टाचार की आशंकाओं को निराधार भी ठहराया है। आपको बता दें कि केदारनाथ मंदिर के गर्भ गृह की दीवारों पर सोने की पॉलिश उखड़ने का मामला काफी दिनों से सोशल मीडिया में चल रहा है। वहीं विपक्षी दलों ने सतपाल महाराज की इस जांच पर सवाल खड़े किए हैं। कांग्रेस आम आदमी पार्टी और यूकेडी ने जांच पर सवाल खड़े किए हैं। कांग्रेस ने तो सरकार से हाईकोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में सरकार को जांच कराने की मांग की है| कांग्रेस का तर्क है कि आधिकारिक जांच पर सरकार का दबाव रहता है ऐसे में जांच का निष्पक्ष परिणाम सामने नहीं आ पाएगा| जबकि सरकार का दावा है कि केदारनाथ की धार्मिक आस्था और पवित्रता के साथ खिलवाड़ करने वालों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा|
एक तरफ जहां सरकार ने इसके जांच के आदेश दिए हैं तो वहीं दूसरी ओर विपक्षी दलों ने सतपाल महाराज की इस जांच पर सवाल खड़े किए हैं। कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और यूकेडी ने जांच पर सवाल खड़े किए हैं। कांग्रेस ने तो सरकार से हाईकोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में सरकार को जांच कराने की मांग की है| कांग्रेस का तर्क है कि आधिकारिक जांच पर सरकार का दबाव रहता है ऐसे में जांच का निष्पक्ष परिणाम सामने नहीं आ पाएगा जबकि आम आदमी पार्टी ने सतपाल महाराज की जांच को गुमराह करने वाला फैसला बताया है|
कुल मिलाकर केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह में लगे सोने पर विवाद लगातार बढ़ रहा है। बढ़ते विवाद के बीच पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने जांच के आदेश दिए जिस पर विपक्ष ने सवाल उठाए है| सवाल ये है कि क्या बिना दबाव के जांच पूरी हो पाएगी| क्या केदारनाथ की धार्मिक आस्था और पवित्रता के साथ खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ सरकार कार्रवाई करेगी? आखिर क्यों विपक्ष को सरकार की जांच पर भरोसा नहीं है?