बेेहड के बयान से फंसी कांग्रेस

देहरादून। प्रदेश मे नवंबर मे नगर निकाय के चुनाव हेाने है और निकाय चुनावों के तुरंत बाद ही लोकसभा के चुनाव भी होने है। ऐसे मे चुनावी माहौल को देखते हुए जहां भाजपा संगठन ने एक ओर कमर कस ली है तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस मे निकाय चुनावों से पहले ही गुटबाजी सामने आने लगी है। कांग्रेस में हरक हरीश के बाद तमाम नेताओं के बयान सामने आये थे।

तो वही अब कांग्रेस विधायक और पूर्व कैबिनेट मंत्री तिलकराज बेहड़ ने अपनी ही पार्टी पर गढवाल और तराई क्षेत्र की उपेक्षा पर सवाल उठाए है। बेहड ने पार्टी हाईकमान पर आरोप लगाते हुए कहा कि पार्टी मे प्रदेश अध्यक्ष सदन मे नेता प्रतिपक्ष के साथ ही उप नेता प्रतिपक्ष जैसे सभी बडे और अहम पर पद कुमाऊं के खाते में डाल कर गढवाल की अनदेखी का आरोप लगाया है।

उन्होंने इस प्रकार के फैसलो को पार्टी की बडी चूक बाताते हुए कहा कि यदि पार्टी हाईकमान जल्द ही अपने इस फैसले पर कोई अन्य निर्णय नहीं लेती है तो इससे आने वाले समय मे पार्टी को बड़ा नुकसान हो सकता है।

पूर्व मंत्री तिलक राज बेहड का कहना है कि जिस दौरान पार्टी इन अहम पदो को बाट रही थी उस दौरान वे बीमार थे। बीमारी के दौरान भी वह अपनी बात को रखना चाहते थे किन्तु अस्पताल मे भर्ती होने के कारण वे अपनी बात केा पार्टी के सम्मुख नहीं कह पाए।

उनका कहना है कि अब वे ठिक है तो पार्टी को अपने इसी फैसले पर नए सिरे से विचार करना चाहिए। बेहड़ ने कहा है कि पार्टी द्वारा गढवाल मंडल की उपेक्षा नहीं कि जा सकती क्योकि गढवा लमे भी बडी संख्या मे विधानसभा सीटे है। ऐसे मे गढ़वाल क्षेत्र मे यदि कोई पद पार्टी नहीं देती है तो आने वाले चुनावो मे पार्टी केा बड़ा नुकसान झेलना पड़ सकता है।

इसके साथ ही उनका कहना है गढ़वाल के साथ ही हरिद्वार और यूएस नगर जैसे तराई क्षेत्रो को भी अनदेखा नही किया जा सकता है। ऐसे मे पार्टी को चाहिए की जब भी कोई बदलाव हो तो इस ओर भी ज्ञान दे ताकि पूर्व मे हुई चूक की भरपाई हो सके।

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