उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट: उत्तराखंड की धामी सरकार अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले राज्य में निवेश और रोजगार को बढ़ाने की कवायद में जुट गई है। इसी के तहत सरकार देहरादून में दिसंबर माह में ग्लोबल इन्वेस्टर समिट कराने जा रही है इस आयोजन के लिए सरकार ने तैयारी तेज कर दी है। इसी के तहत मुख्यमंत्री पुष्कर सिहं धामी ने समिट के logo और website की लॉन्चिंग कर दी है…..मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि अबतक 16000 करोड़ की ग्राउंडिंग हो चुकी है। देश के तमाम उद्योगपतियों से बातचीत चल रही है। सरकार ने ऐसे नियमों और कानूनों को भी हटाया है जिसके कारण राज्य में उद्योगों को स्थापित करने में दिक्कतें आ रही थी….राज्य में कानून की स्थिति, राज्य का माहौल और पर्यावरण निवेश के लिए काफी बेहतर है…सरकार की कोशिश है कि बड़ा निवेश इस समिट के माध्यम से राज्य में आए….सरकार ने इस समिट से ढ़ाई लाख करोड़ के निवेश का लक्ष्य रखा है….वहीं एक तरफ जहां सरकार ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के सहारे निवेश को बढ़ाने की तैयारियों में जुटी है तो दूसरी ओर रोजगार सृजन के मामले में उत्तराखंड ने लंबी छलांग लगाई है। 28.6 प्रतिशत की वृद्धि के साथ उत्तराखंड देश के टाप 5 राज्य में दूसरे नंबर पर आ गया। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन यानि की (ईपीएफओ) की ओर से जारी रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है…हांलाकि विपक्ष ने रोजगार और निवेश के मोर्चे पर सरकार को विफल बताते हुए इसपर सवाल खड़े किए है
उत्तराखंड की धामी सरकार अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले राज्य में निवेश और रोजगार को बढ़ाने की कवायद में जुट गई है। इसी के तहत सरकार देहरादून में दिसंबर माह में ग्लोबल इन्वेस्टर समिट कराने जा रही है इस आयोजन के लिए सरकार ने तैयारी तेज कर दी है। इसी के तहत मुख्यमंत्री पुष्कर सिहं धामी ने समिट के logo और website की लॉन्चिंग कर दी है…..मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि अबतक 16000 करोड़ की ग्राउंडिंग हो चुकी है। देश के तमाम उद्योगपतियों से बातचीत चल रही है। सरकार ने ऐसे नियमों और कानूनों को भी हटाया है जिसके कारण राज्य में उद्योगों को स्थापित करने में दिक्कतें आ रही थी….राज्य में कानून की स्थिति, राज्य का माहौल और पर्यावरण निवेश के लिए काफी बेहतर है…सरकार की कोशिश है कि बड़ा निवेश इस समिट के माध्यम से राज्य में आए….सरकार ने इस समिट से ढ़ाई लाख करोड़ के निवेश का लक्ष्य रखा है….वहीं कांग्रेस ने इस समिट पर सवाल उठाते हुए त्रिवेंद्र सरकार के समय में साल 2018 में हुई इंवेस्टर्स समिट की याद दिलाई साथ ही इस समिट को फिजूलखर्ची बताया है
वहीं एक तरफ जहां सरकार ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के सहारे निवेश को बढ़ाने की तैयारियों में जुटी है तो दूसरी ओर रोजगार सृजन के मामले में उत्तराखंड ने लंबी छलांग लगाई है। 28.6 प्रतिशत की वृद्धि के साथ उत्तराखंड देश के टाप 5 राज्य में दूसरे नंबर पर आ गया। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन यानि की (ईपीएफओ) की ओर से जारी रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है…..रिपोर्ट में बताया गया है कि पिछले साल जनवरी से जून 2022 में 1,03,411 लोग फार्मल रोजगार से जुड़े थे। जबकि इस साल इसी अवधि में यह संख्या बढ़कर 1,33,023 पर पहुंच गई। यह करीब 28.6प्रतिशत है। ईपीएफओ की रिपोर्ट सामने आने के बाद इस पर भी राजनीति शुरू हो गई है। बीजेपी का दावा है कि मुख्यमंत्री धामी के ऐतिहासिक फैसलों की वजह से उत्तराखंड ने दूसरा नबंर हांसिल किया है वहीं विपक्ष ने इस रिपोर्ट पर सवाल उठाते हुए राज्य को बेरोजगारी में नंबर-1 बताया है
कुल मिलाकर लोकसभा चुनाव से पहले सरकार जनता के सामने राज्य में निवेश बढ़ाकर जनता को विकास का मॉडल दिखाना चाहती है। सरकार की कोशिश है कि ज्यादा से ज्यादा निवेश राज्य में आए ताकी बेरोजगारों के हाथों को रोजगार मिल सके……धामी सरकार ने ढ़ाई लाख करोड़ के निवेश का लक्ष्य इस समिट से रखा है हांलाकी विपक्ष साल 2018 में हुई इवेस्टर समिट के बहाने इस समिट पर भी सवाल खड़े कर रहा है देखना होगा क्या धामी सरकार इस समिट से ढ़ाई लाख करोड़ का निवेश राज्य में करा पाएगी…