देहरादून। भारतीय राजनीति के दिग्गज नेता और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने पूर्व में कई बार सक्रिय राजनीति से संन्यास लेने की बात कही है। लेकिन किसी न किसी कारण से रावत सूबे की सियासत मे सक्रिय नजर आ ही जाते हैं।
वहीं हरीश रावत ने अब केंद्रीय राजनीति से हटने की बात कही है। रावत की इस बात से जहां कंग्रेसी समर्थक असमंजस की स्थिति में नजर आ रहे हैं तो वहीं अपनी इस घोषणा के बाद रावत ने कहा कि अब उनके जीवन का एकमात्र लक्ष्य कांग्रेस को उत्तराखंड की सत्ता पर दोबारा काबिज करना है। और अब वे कांग्रेस को उत्तराखंड की सत्ता मे वापस सत्ता पक्ष के रूप मे काबिज करने के लक्ष्य से ही प्रदेश की राजनीति मे सक्रिय रहेंगे।
इस घोषणा के बाद रावत ने अब राज्य की राजनीति मे लंबी पारी के संकेत भी दे दिए हैं। गुरुवार को हरीश रावत ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक पोस्ट लिखी जिसमें उन्होंने शुक्रवार को दिल्ली जाने की बात कही। रावत ने आगे लिखा की वे दिल्ली जाकर पार्टी को कर्नाटक में निश्चित जीत की बधाई देंगे।
रावत ने कहा कि सियासत की दृष्टि से ये उनका लगभग अंतिम दिल्ली प्रवास होगा। बाकि इसके बाद वे अपने जीवन की शेष बची हुई शक्ति को उत्तराखंड में कांग्रेस को सत्ता में वापस लाने में लगाना चाहते हैं।
रावत ने कहा कि 2017 के विधानसभा चुनावो मे उन्हीं के सम्पूर्ण नेतृत्व मे कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पडा। ऐसे मे कांग्रेस को उनकी वजह से जो नुकसान उठाना पडा है। उस नुकसान की भरपाई के लिए उन्हे ही प्रयास करने होंगे।
इसलिए वे अब पूरी तरह से राज्य की राजनीति को समय देगे। रावत ने आगे कहा की इस तरह वे अब बिना किसी पद की आकांक्षा के आम कांग्रेसी कार्यकर्ता की भांति कांग्रेस हाईकमान को अपना समय और मार्गदर्शन देंगे।रावत की पोस्ट पर लोगो ने भी खूब टिप्पणियां की है।