देहरादून, देश और दुनिया में प्रसिद्ध उत्तराखंड की चारधाम यात्रा के कपाट 22 अप्रैल से शुरू होने जा रहे है। चैत्र नवरात्रि के पहले दिन आज बुधवार को गंगोत्री धाम के कपाट खुलने की तिथि तय हुई है। श्रद्धालुओं के लिए 22 अप्रैल को गंगोत्री धाम के कपाट खोल दिए जाएंगे। एक तरफ जहां आज गंगोत्री धाम के कपाट खुलने की तारीख की घोषणा हुई…..तो वहीं दूसरी तरफ चारधाम यात्रा में यात्रियों की संख्या सीमित करने और स्थानीय लोगों के लिए पंजीकरण अनिवार्य किए जाने का विरोध शुरू भी हो गया है। इस संबंध में तीर्थ पुरोहित, होटल और ढाबा कारोबारियों ने प्रदेशभर में विरोध प्रदर्शन किया। साथ ही चारधाम तीर्थ पुरोहित महापंचायत के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य सचिव डॉ.एसएस संधु से मुलाकात कर उन्हें एक ज्ञापन सौंपा है। साथ ही मांगे पूरी ना होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है। इनसबके बीच धामी सरकार ने चारधाम और यात्रा मार्गों पर स्वास्थ्य सेवाओं के सुधारिकरण के लिए केन्द्र सरकार से 500 करोड़ रुपए की धनराशि स्वीकृत करने की मांग की है।
-उत्तराखंड की चारधाम यात्रा के कपाट 22 अप्रैल से शुरू होने जा रहे है। चैत्र नवरात्रि के पहले दिन आज बुधवार को गंगोत्री धाम के कपाट खुलने की तिथि तय हुई है। श्रद्धालुओं के लिए 22 अप्रैल को गंगोत्री धाम के कपाट खोल दिए जाएंगे। एक तरफ जहां आज गंगोत्री धाम के कपाट खुलने की तारीख की घोषणा हुई…..तो वहीं दूसरी तरफ चारधाम यात्रा में यात्रियों की संख्या सीमित करने और स्थानीय लोगों के लिए पंजीकरण अनिवार्य किए जाने का विरोध शुरू भी हो गया है। इस संबंध में तीर्थ पुरोहित, होटल और ढाबा कारोबारियों ने प्रदेशभर में विरोध प्रदर्शन किया। साथ ही चारधाम तीर्थ पुरोहित महापंचायत के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य सचिव डॉ.एसएस संधु से मुलाकात कर उन्हें एक ज्ञापन सौंपा है। साथ ही मांगे पूरी ना होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है।
आपको बता दें कि बदरीनाथ के कपाट 27 अप्रैल, केदारनाथ धाम के कपाट 26 अप्रैल जबकि 22 अप्रैल को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलेंगे। देश-दुनिया से आने वाले तीर्थयात्रियों की यात्रा को सुगम बनाने के लिए धामी सरकार तैयारियों में जुटी है। धामी सरकार ने चारधाम और यात्रा मार्गों पर स्वास्थ्य सेवाओं के सुधारिकरण के लिए केन्द्र सरकार से 500 करोड़ रुपए की धनराशि स्वीकृत करने की मांग की है। स्वास्थ्य मंत्री डॉ.धन सिंह रावत के समक्ष योजना का विस्तृत प्रस्तुतिकरण देकर डीपीआर को अंतिम रूप भी दिया गया है। नई योजनाओं के तहत चारधाम के अंतर्गत आने वाले पांच चिकित्सा इकाईयों के उच्चीकरण की बात कही गई है। वहीं कांग्रेस ने सरकार पर निशाना शाधा है
कुल मिलाकर एक तरफ जहां संख्या सीमित होने से होटल-ढाबा कारोबारी परेशान है….उनका कहना है कि ऋण लेकर कारोबार करने वालों को काफी नुकसान होगा….साथ ही कश्मीर में पर्यटन खुल जाने से यात्रियों की संख्या इस साल कम हो सकती है। तो दूसरी तरफ सरकार का तर्क है कि संख्या सीमित न होने से चारों धामों में जुटने वाली भीड़ से दुर्घटना का खतरा हो सकता है…भौगोलिक कठिनाइयों और सीमित सुविधाओं के चलते व्यवस्था प्रभावित होगी..सीमित संख्या का भीड़ प्रबंधन करना आसान होगा और यात्री मंदिरों में सुरक्षित और सहज ढंग से दर्शन कर सकेंगे। देखना होगा आगे सरकार इस विरोध के बाद क्या अपना फैसला वापस लेगी या नहीं