बीजेपी अध्यक्ष पद को लेकर सियासी हलचल तेज़, प्रदेशों में नए चेहरों की तलाश, यूपी पर फंसा पेच

KNEWS DESK-  भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की तैयारी अंतिम चरण में पहुंच चुकी है। पार्टी के संविधान के मुताबिक राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव से पहले देश के 50% से अधिक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में संगठनात्मक चुनाव पूरे होने अनिवार्य हैं। इसी प्रक्रिया के तहत पार्टी ने अब तक 14 राज्यों में अपने प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त कर दिए हैं और चार राज्यों — महाराष्ट्र, उत्तराखंड, हिमाचल और तेलंगाना — में सोमवार को नामांकन दाखिल किए जा रहे हैं। एक जुलाई को इन राज्यों के नए अध्यक्षों की घोषणा की जा सकती है।

बीजेपी के मौजूदा अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल समाप्त हो चुका है। उन्हें 2020 में पार्टी की कमान सौंपी गई थी और 2023 में उनका कार्यकाल बढ़ाया गया था। अब पार्टी को नए अध्यक्ष की नियुक्ति करनी है, लेकिन इसके लिए पहले 19 राज्यों में संगठनात्मक चुनाव पूरा करना ज़रूरी है। ऐसे में पार्टी की प्राथमिकता अब शेष नौ राज्यों में संगठनात्मक प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा करने की है।

बीजेपी के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव से पहले जिन राज्यों में अध्यक्ष पद पर नियुक्तियां होनी हैं, उनमें शामिल हैं — उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, गुजरात, तेलंगाना, महाराष्ट्र, हिमाचल और उत्तराखंड।

  • महाराष्ट्र में वर्तमान कार्यकारी अध्यक्ष रविंद्र चव्हान को पूर्णकालिक अध्यक्ष बनाने की संभावना है।

  • हिमाचल प्रदेश में केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह नए अध्यक्ष के नाम की घोषणा करेंगे।

  • उत्तराखंड में मौजूदा अध्यक्ष महेंद्र भट्ट का कार्यकाल पूरा हो चुका है; उन्हें दोबारा मौका या कोई नया चेहरा मिल सकता है।

  • पश्चिम बंगाल में केंद्रीय मंत्री बन चुके सुकांत मजूमदार की जगह एक मजबूत महिला चेहरे की तलाश की जा रही है।

उत्तर प्रदेश, जो बीजेपी की राजनीतिक ताकत का मुख्य आधार है, वहां प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति पर सबसे ज्यादा पेच फंसा है। मौजूदा अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी का कार्यकाल पूरा हो चुका है और पार्टी अब नए चेहरे की तलाश में है। यहां अध्यक्ष पद के लिए ओबीसी या दलित वर्ग से उम्मीदवार को मौका देने की रणनीति पर विचार किया जा रहा है।

उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं ठाकुर समुदाय से हैं। पार्टी नेतृत्व सवर्ण समुदाय के बाद संगठनात्मक संतुलन के लिए अब ओबीसी या दलित चेहरे को आगे लाना चाहता है। लेकिन लोकसभा चुनाव में इन वर्गों में बीजेपी का समर्थन अपेक्षाकृत कमजोर रहा है, जिस कारण से नाम तय करने में दिक्कत हो रही है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार से आठ दिवसीय विदेश यात्रा पर रवाना हो रहे हैं। इससे पहले पार्टी चाहती है कि राज्यों में अध्यक्षों की नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी कर ली जाए ताकि राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव को अंतिम रूप दिया जा सके। संघ की अखिल भारतीय प्रांत प्रचारकों की बैठक भी शुक्रवार को संपन्न हुई है, जहां इन नियुक्तियों पर चर्चा हुई। अगर नियुक्तियों में देरी हुई, तो बीजेपी के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव बिहार विधानसभा चुनाव (अक्टूबर-नवंबर) के बाद तक टल सकता है।

  • कर्नाटक में बीवाई विजयेंद्र की जगह सीटी रवि या सुनील कुमार को अध्यक्ष बनाए जाने की चर्चा है।

  • मध्य प्रदेश में भी चार संभावित नामों पर विचार किया जा रहा है, लेकिन अंतिम फैसला नहीं हो सका है।

  • पश्चिम बंगाल में महिला चेहरे के रूप में किसी तेजतर्रार नेता की तलाश जारी है, जो ममता बनर्जी के सामने मजबूत विकल्प बन सके।

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