गढ़वाल के साथ टिहरी सीट पर फंसी कांग्रेस

देहरादून। देश में लोकसभा चुनावों को लेकर अब महज लगभग एक साल का ही समय रह गया है। भाजपा ने जहां अभी से ही लोकसभा चुनावों को लेकर कमर कस ली ही भाजपा ने अपनी प्रदेष कार्यकारणि से लेकर बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं केा जहां पद बांट दिये है तो वही कांग्रेस पहले पौड़ी गढ़वाल लोकसभा सीट तो अब टिहरी सीट पर भी घिरती नजर आ रही है।

उत्तराखंड में कांग्रेस के पास पौड़ी गढ़वाल और टिहरी लोकसभा सीटों पर ज्यादा चुनौतियों है। वही बात करे 2022 विधानसभा चुनावो की तो इन दोनों लोकसभा की 28 विधानसभा सीटों मे से कांग्रेस महज तीन विधानसभा सीटों पर ही जीत दर्ज कर पाई थी।

यदि इन दोनों सीटों के मत प्रतिशत कि बात करे तो गत देा लोकसभा चुनावो मे इन दोनों ही सीटों पर भाजपा का  मत प्रतिशत 50 प्रतिशत से अधिक होने के कारण भी कांग्रेस पर इस मनोवैज्ञानिक आंकड़े का दबाव है।

लोकसभा चुनावो के लिए अब करीब एक साल का ही समय रह गया है। ऐसे मे तमाम सियासी दलों मे अभी से ही अंदर खाने तैयारियां शुरू हो गयी है। प्रदेश में पांच लोकसभा सीटे है जिसमे से प्रत्येक लोकसभा सीट के अंतर्गत 14-14 विधानसभाएं आती है।

गत विधानसभा चुनाव मे कांग्रेस का सबसे खराब प्रर्दषन  पैडी गढवाल सीट पर रहा यहां की 14 विधानसभा सीटों मे महज एक बद्रीनाथ विधानसभा पर ही कांग्रेस प्रत्याशी जीत दर्ज कर पाए थे। वही शेष बची 13 विधानसभा मे भाजपा का कब्जा है।

इसी बात करे टिहरी कि तो यहां मात्र 2 ही विधानसभा कांग्रेस के खाते में है। बात अगर टक्कर कि जाए तो हरिद्वार सीट पर कांग्रेस भाजपा को टक्कर देती नजर आ रही है। इस सीट पर भाजपा के छह के मुकाबले कांग्रेस के पास पांच विधायक है। हरिद्वार सीट पर बसपा तीसरी ताकत के रूप में उभर रही है।

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