देहरादून। केंद्र से लेकर राज्य सरकार गंगा को स्वच्छ बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है नमामि गंगे अभियान जैसे तमाम कार्यक्रम चल रहे है। इस क्रम में राष्ट्रीय स्वाभिमान आन्दोलन के संस्थापक गोविंदाचार्य ने गंगा को बचाने के लिए गंगा एक्ट बनाने पर जोर दिया है।
गोविंदाचार्य का कहना है कि अलकनंदा और मंदाकिनी को लेकर भी इको सेंसिटिव जोन बनाया जाए। गंगा की निर्मलता को बचाए रखने के लिए उसके न्यूनतम पर्यवाणीय प्रवाह को बाधित होने से बचाया जाए।
विश्व संवाद केन्द्र में मीडिया को संबोधित करते हुए गोविन्दाचार्य ने कहा कि नदियों और हिमालय पर लगातार आघात हो रहा है। वही बांधो से नदियों का न्यूनतम प्रभाव भी बाधित हो रहा है।
शहरों का सारा सीवेज-कचरा गंगा में ही जा रहा है। राज्य में खनन भी वैज्ञानिक तरीके से नही हो रहा है। इसे लेकर जनता में जागरूकता की कमी है। लोग भावनात्मक रूप से इससे जुडे है लेकिन लोगों में इसे लेकर कर्तव्य बोध नही है। गोविंदाचार्य ने इसके लिए सामाजिक संगठनों को दोषी ठहराया है।
उनका कहना है कि राज्य के लिए गंगा जागरूकता एक्ट बनाने की जरूरत है। इसके साथ ही अधिकार संपन्न एजेंसी बनाई जाए और वाटर रेगुलेशन सही करने को ट्रिब्यूनल बनाया जाए।