उत्तराखंड, देहरादून : बीते डेढ़ माह से कोविड कर्मचारी देहरादून स्थित एकता विहार धरना स्थल पर अपनी समायोजन की मांग को लेकर बैठे हुए हैं। सरकार और स्वास्थ्य मंत्री की तरफ से कोई प्रतिक्रिया न आने पर भूख हड़ताल पर भी बैठे। इसमें कुछ कर्मचारियों को स्वास्थ्य में गिरावट के चलते हॉस्पिटल में भरती करना पड़ा। वहीं उनकी मांग ना मांगने की दशा में उन्होंने चेतावनी दी है कि उत्तराखंड सरकार द्वारा कोविड कर्मचारियों के विषय में जल्द से जल्द कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो जो कदम वन विभाग के कर्मचारी द्वारा उठाया गया वही कदम कोविड कर्मचारी उठाने के बाध्य होंगे।
वन विभाग के कर्मचारी की तरह उठा सकते हैं, आत्महत्या का कदम
कोविड कर्मचारियों ने कहा कि वह किसी भी जिले में इस घटना को अंजाम दे सकता है। जिसकी सारी जिम्मेदारी मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री और उत्तराखंड शासन प्रशासन की होगी। आपको बता दें कि बीते 2 दिन पूर्व वन विभाग में कार्यरत चालक ने जहर खाकर आत्महत्या की कोशिश करी। उसके साथियों ने बताया कि वह तीन-चार माह से तनख्वाह न मिलने से मानसिक रूप से प्रताड़ित था। जिसके कारण उसने यह घातक कदम उठाया। इस दौरान मौजूद रहे, मिथलेश बलूनी (जिला अध्यक्ष पौड़ी), संतोष राणा,(जिला अध्यक्ष चमोली), राम निवास (जिला अध्यक्ष उधम सिंह नगर), शर्मिला (जिला अध्यक्ष देहरादून), सौरभ कथैत (जिला अध्यक्ष रुद्रप्रयाग), प्रदीप थपलियाल (जिला अध्यक्ष टिहरी गढ़वाल), ज्ञानेश चंद्र भट्ट (जिला उत्तरकाशी), पूनम (जिला अध्यक्ष हरिद्वार), बृज मोहन भट्ट (जिला अध्यक्ष पिथौरागढ़), संजय कनौजिया (जिला अध्यक्ष बागेश्वर), नीरज पंत (जिला अध्यक्ष चम्पावत), मुकेश शर्मा (जिला अध्यक्ष अल्मोड़ा), भागीरथी देवी (जिला अध्यक्ष नैनीताल)