जोशीमठ, भूधंसाव का दंश झेल रहेे जोशीमठ से होकर जाने वाले बद्रीनाथ हाइवे मे भी भू धंसाव होने लगा है। हाइवे पर जगह जगह भू धंसाव देखा जा रहा है। जो बीते दिनों और बढ़ने लगा है। चिंता इस बात की भी है कि इस समय बद्रीनाथ हाइवे पर गाड़ियों का दबाव ज्यादा नहीं है लेकिन चार धाम यात्रा के दौरान बद्रीनाथ हाइवे पर गाड़ियों का दबाव तुलनात्मक तौर से बहुत ज्यादा रहता है और इस दौरान हर दिन करीब पांच हजार से ज्यादा वाहन इस हाइवे से गुजरतेे हैं। हाइवे पर हो रही ऐसी भूधंसाव की स्थिती में वाहनों का दबाव कैसे झेल सकेगी। साथ ही हो रहे भूधंसाव से यात्रा को सुचारू रूप से चलाने का संकट भी खड़ा हो जायेगा। इससे बचने के लिए हाइवे को स्थायी मरम्मत की आवश्यकता है। लेकिन ऐसा होता दिख नहीं रहा है, क्योंकि हाइवे पर हो रहे गढ्ढों को भरने के लिए बीआरओ की टीम मिट्टी और मलवे के सहारे ही हाइवे पर यातायात को चलाने की कोशिश कर रही है।
सामरिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है हाईवे
बद्रीनाथ हाइवे का अपना अलग महत्व है। ये न सिर्फ यात्रा की दृष्टि से बल्कि सामरिक दृष्टि से भी इसका महत्व है। बद्रीनाथ हाइवे ऋषिकेश से शुरू होते हुए चीन बार्डर पर माणा घाटी तक जाता है। इसलिए हाइवे पर हो रहे भूधंसाव के कारण इसका असर पड़ सकता है। जोशीमठ पर हाइवे का करीब बारह किलोमीटर का हिस्सा है। साथ ही करीब बीस से ज्यादा जगहों पर हाइवे मे भू धंसाव, दरारें देखने को मिल रही हैं। जिनकी समय के साथ चौड़ाई और भी ज्यादा बढ़ रही है।