तीन जोन में बंटा जोशीमठ

देहरादून। हाल ही में जोशीमठ में हुए भू धसाव का खौफनाक मंजर हम सभी ने देखा है। राज्य सरकार से लेकर केन्द्र सरकार तक आपदा प्रभावित क्षेत्र में सुरक्षा,पुनर्वास,मुआवजे,से लेकर तमाम व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के लिए दिल्ली से लेकर देहरादून तक लगातार हाई लेवल बैठकों का दौर जारी है।

केन्द्र और राज्य दोनों ही सरकारें लगातार जोशीमठ पर अपनी पैनी निगाह बनाए हुए है। दिल्ली में प्रधानमंत्री कार्यालय और आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने आपदा प्रभावित क्षेत्र के उपचार के लिए हर संभव सहायता करने का आश्वासन दिया है।
वही एनडीएमए ने जोशीमठ के आपदा प्रभावित क्षेत्र को तीन अलग अलग जोन में बांटते हुए प्राथमिक उपचार के साथ ही प्रभावितो के विस्थापन की प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिये है।

एनडीएमए का कहना है कि गृह मंत्रालय से अनुमति प्रदान होते ही क्षेत्रो के चिन्ह करण का कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
पीएम सलाहकार तरुण कपूर की अध्यक्षता में शुक्रवार को एनडीएमए और राज्य के अधिकारियों ने जोशीमठ को लेकर चर्च की।
एनडीएम के प्रतिनिधि कमल किशोर ने वैज्ञानिक संस्थाओ के सर्वेक्षण पर आधारित  रिपोर्ट पेश करते हुए कहा कि आपदा प्रभावित क्षेत्र को तीन जोन में विभाजित कर प्लेन तैयार किया जाएगा।

ये जोन अत्यधिक संवेदनशील,मध्य संवेदनशील और न्यून संवेदनशील के रूप में चिह्नित किया जाएगा। वही अलकनंदा और धौलीगंगा के किनारे हो रहे भूकटाव पर भी उन्होंने चिंता जताई।

राज्य सरकार की ओर से मुख्य सचिव एसएस संधू और आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास सचिव रंजीत कुमार सिन्हा ने एनडीएमए से अपेक्षा की वे तीनो जोन को चिन्हित कर रिर्पोट प्रस्तुत करे।

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