देहरादून, कोरोनाकाल के दौरान एक ओर जहां समाज मे लोग जरूरतमंदो की मदद को आगे आये वहीं दूसरी ओर शातिर अपराधियों ने अपनी आपराधिक मंशा को अंजाम देने के लिए नए-नए तरीके इजात किये। पुलिस द्वारा गुरूग्राम से पकड़े गए आरोपी ने ऐसी ही घटना को अंजाम दिया। आरोपी फर्जी लोन एप बनाकर कोरोना के दौरान बेरोजगार हुए लोगों को अपना शिकार बनाता था। पुलिस को दिये बयान में आरोपी ने खुलासा किया कि वह फर्जी लोन एप बनाकर लोगों को लिंक के माध्यम से भेजता जिसे क्लिक करने पर एप इंस्टॉल हो जाता। इसमे लोगो को छोटे-छोटे पांच, सात हजार के लोन का लालच देकर उनसे मोटा ब्याज वसूला जाता।
आरोपी ने किया था व्यापक सर्वे
एसएसपी एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया कि गुरूग्राम से पकड़े गए आरोपी अंकुर ढ़ीगरा, उत्तमनगर, नई दिल्ली से पूछने पर पता चला कि आरोपी ने इसका सर्वे किया कि लॉकडाउन के बाद कितने लोग बेरोगार हुए साथ ही कितने लोगों को आर्थिक तंगी से गुजरना पड़ रहा है। इसके बाद आरोपी ने इन्हे लोन का एप बना टारगेट किया।
चीन जाकर मिला आइडिया
पुलिस की पूछताछ में पता चला कि आरोपी अंकुश कई बार चीन भी गया। जहां उसने चीनी भाषा भी सीखी। वापस आकर उसने एक कंपनी बनायी। आरोपित के मोबाइल, लैपटॉप खंगालने पर उसकी कंपनियो, ठगी के शिकार लोगों, और कुछ चीनी साथियों का पता चला।
ऐप का लिंक भेज बनाता था शिकार
फर्जी लोन का आरोपी पहले लिंक भेजता, जैसे ही लिंक पर क्लिक होता वैसे ही यूजर के मोबाइल में ऐप इंस्टॉल हो जाता। जिसके जरिये आरोपी लोन की रकम यूजर को मोबाइल में भेज देता। साथ ही बदले में ब्याज का मोटा पैसा वसूलता था। ब्याज न चुकाने पर यूजर को उसके मोबाइल की जानकारी शेयर करने की धमकी देता।