देहरादून| गर्मियों में बिजली की काफी किल्लत रहती है जिस करके बिजली के संकट से निपटने के लिए उत्तराखंड ने केंद्र सरकार से सेंट्रल पुल के अलावा 400 मेगावाट बिजली की मांग की है। इस संबंध में मुख्यमंत्री धामी ने केंद्रीय ऊर्जा मंत्री को भी पत्र लिखा है। उत्तराखंड को अभी केंद्र से मदद की रूप में जो भी बिजली मिल रही है उसकी मियाद मार्च में खत्म हो जाएगी। उसके बाद अप्रैल से बिजली की काफी किल्लत शुरू हो जाएगी। अप्रैल से शुरू हुआ बिजली का संकट मई- जून तक तो बहुत विकराल रूप धारण कर लेगा। फिर राज्य को 20 रुपये यूनिट तक महंगी बिजली खरीदनी होगी। इससे यूपीसीएल पर एक हजार करोड़ का भार पड़ा जो बाद में आमजन से ही वसूला गया था। इस बार गर्मियों में पिछली बार की तरह की कोई परेशानी ना हो इसलिए सरकार पहले से ही कार्य कर रही है। राज्य ने पहले ही जम्मू कश्मीर के साथ और भी राज्यों के सेंट्रल पुल सड़े बचने वाला अतिरिक्त कोटा उत्तराखंड को देने के लिए उन पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। सीएम धामी ने केन्द्रीय ऊर्जा मंत्रों को पत्र लिखकर कहा की बाजार में गैस की उपलब्धता कम होने के कारण गैस आधारित पावर प्लांट से बिजली का उत्पादन बिल्कुल भी नहीं हो पा रहा है। जिससे की बिजली का संकट और भी बढ़ जाएगा। ऐसे में केंद्र सरकार उत्तराखंड को ज्यादा से ज्यादा मदद करें।
चार धाम यात्रा में बिजली की उपलब्धता
अब चार धाम यात्रा भी शुरू होने वाली है जिस पर उत्तराखंड सरकार केंद्र सरकार से अतिरिक्त बिजली की मांग कर रहे है। ताकि चार धाम यात्रा में कोई भी मुश्किल का सामना किसी भी व्यक्ति को ना करना पड़े। यात्रा अप्रैल में शुरू होने वाली है और इसमें कोई व्यवधान ना आए। ऊर्जा निगम ने भी संकट से बाहर आने के लिए शॉर्ट टर्म टेंडर आमंत्रित भी किए है।