देहरादून, देश आज राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस मना रहा है। 24 अप्रैल को प्रतिवर्ष ये दिवस मनाया जाता है। गांव को सशक्त बनाने और विकसित बनाने के लिए पंचायती राज व्यवस्था को लागू किया गया था….वहीं उत्तराखंड की बात करें तो राज्य में पंचायते बजट ही खर्च नहीं कर पा रही है। आलम ये है कि 15वें वित्त आयोग का बजट खर्च न कर पाने वाली पंचायतों को विभागीय मंत्री सतपाल महाराज ने कड़ी फटकार लगाई है। उन्होंने ऐसे अधिकारियों और प्रतिनिधियों को कार्रवाई की चेतावनी दी है मंत्री ने कहा कि बार-बार कहने के बाद भी पैसा खर्च नहीं कर रही पंचायतों के विरुद्ध दंडात्मक कार्यवाही की जाएगी। कहा कि विकास कार्यों पर पैसा शत प्रतिशत खर्च हो ताकि केंद्र सरकार से अतिरिक्त बजट मिल सके। वहीं राज्य में अब इस मामले पर सियासत गर्मा गई है।
देश आज राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस मना रहा है। 24 अप्रैल को प्रतिवर्ष ये दिवस मनाया जाता है। गांव को सशक्त बनाने और विकसित बनाने के लिए पंचायती राज व्यवस्था को लागू किया गया था….वहीं उत्तराखंड की बात करें तो राज्य में पंचायते बजट ही खर्च नहीं कर पा रही है। आलम ये है कि 15वें वित्त आयोग का बजट खर्च न कर पाने वाली पंचायतों को विभागीय मंत्री सतपाल महाराज ने कड़ी फटकार लगाई है। उन्होंने ऐसे अधिकारियों और प्रतिनिधियों को कार्रवाई की चेतावनी दी है मंत्री ने कहा कि बार-बार कहने के बाद भी पैसा खर्च नहीं कर रही पंचायतों के विरुद्ध दंडात्मक कार्यवाही की जाएगी। कहा कि विकास कार्यों पर पैसा शत प्रतिशत खर्च हो ताकि केंद्र सरकार से अतिरिक्त बजट मिल सके।
वहीं उत्तराखँड राज्य में पंचायतों की ओर से बजट ना खर्च किए जाने पर सियासत गरमा गई है। एक तरफ जहां विपक्ष सत्तापक्ष पर हमलावर है तो वहीं दूसरी तरफ सत्तापक्ष की ओर से दावा किया जा रहा है। उनकी ओर से पंचायतों को मजबूत किया जा रहा है। बजट की कोई कमी नहीं है… वहीं वरिष्ठ पत्रकार कुलदीप राणा ने पंचायतो द्वारा बजट खर्च ना किये जाने को बेहद गंभीर बताया है उनका कहना है कि एक तरफ सरकार शहरो को स्मार्ट करने के लिए स्मार्ट सिटी की योजना को चला रही है तो दूसरी तरफ पंचायतों द्वारा बजट खर्च नहीं किया जाना गंभीर है
कुल मिलाकर राज्य में पंचायतों द्वारा बजट खर्च ना कर पाना कोई नई बात नहीं है लेकिन सवाल ये है कि आखिर कब हमारे जनप्रतिनिधि और अधिकारी अपनी कार्यप्रणाली में बदलाव लाएगें,,,,क्या मंत्री सतपाल महाराज की चेतावनी से अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों में कोई फक्र पड़ेगा…..आखिर क्यों ऐसे लोगों पर सरकार कार्रवाई नहीं करती….आखिर ऐसे में सरकार कैसे गांवों से पलायन को रोक पाएगी