उत्तराखंड- उत्तराखंड में अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले राज्य में एक बार फिर कैबिनेट विस्तार और दायित्वों के बंटवारों की चर्चा शुरू हो गई है दअरसल, धामी कैबिनेट में इस वक्त एक तिहाई पद खाली है। बता दें कि धामी कैबिनेट में तीन पद पिछले साल से ही खाली चल रहे हैं, जबकि हाल ही में कैबिनेट मंत्री चंदन राम दास के अचानक निधन के बाद मंत्रिमंडल के चार पद रिक्त चल रहे हैं। इस वजह से मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर चर्चाएं तेज हो गई है। भाजपा के कई विधायक धामी कैबिनेट में जगह मिलने की उम्मीद लगाए बैठे हैं…जो अब तक पूरी नहीं हुई है। पिछले लंबे समय से मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा चल रही हैं लेकिन अब तक ऐसा ना होने से विधायकों में भी मायूसी देखने को मिल रही है हांलाकि कोई भी खुलकर बोलने के लिए तैयार नहीं है वहीं इन सब के बीच सोशल मीडिया पर सरकार में दायित्वधारियों के नाम से सूची वायरल हो गई. इस सूची में जिन लोगों के नाम थे वो खुश हो गए… सभी को बधाईयों के फोन भी आने लगे लेकिन देर शाम पार्टी ने इस सूची को पूरी तरह से भ्रामक और तथ्यहीन बता दिया जिससे इन नेताओं की उम्मीद तो टूट गई लेकिन विपक्ष को इस सूची ने मुद्दा जरूर दे दिया| कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी ने राजनीति षडयंत्र के तहत सूची वायरल की है जिससे पार्टी के अंदर पनप रहे असंतोष को शांत किया जा सके….कांग्रेस ने सरकार और संगठन को चुनौती दी है कि यदि पार्टी में सब कुछ ठीक है तो कैबिनेट और दायित्वों का बंटवारा करके दिखाएं तो वहीं वरिष्ठ पत्रकार कुलदीप राणा का कहना है कि मंत्रिमंडल में बड़ा फेरबदल होने की संभावना है…मौजूदा मंत्रियों की परफॉर्मेंस का भी आंकलन बीजेपी में किया जा रहा है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने इस वायरल सूची की जांच करने की बात भी कही है, कुल मिलाकर उत्तराखंड में अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले राज्य में एक बार फिर कैबिनेट विस्तार और दायित्वों के बंटवारों की चर्चा शुरू हो गई है। सवाल ये है कि क्या सीएम धामी वास्तव में इस बार मंत्रिमंडल का विस्तार करेंगे,,,,क्या जानबूझकर पार्टी ने दायित्वधारियों की सूची को वायरल किया….क्या कांग्रेस की चुनौती को भाजपा स्वीकार करेगी?