देहरादून, उत्तराखंड राज्य में अब शिक्षकों की कमी के कारण वर्षों से उत्तर प्रदेश, बिहार और दिल्ली में तैनात शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति अब रद्द की जाएगी। शिक्षा मंत्री डाॅ. धन सिंह रावत ने शिक्षा सचिव रविनाथ रमन को इसके सारे निर्देश भी दिए हैं। मंत्री ने कहा कि इन शिक्षकों के साथ ही इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। जरूरत पड़ने इन सभी तरह के शिक्षकों की सेवाएं समाप्त भी की जाएंगी। कार्मिक विभाग के शासनादेश के मुताबिक प्रतिनियुक्ति सिर्फ पाँच साल के लिए ही होती है, इसके बाद शिक्षकों को मूल संवर्ग में वापस आना होता है, लेकिन उत्तराखंड के कई शिक्षक ऐसे है की पिछले 14 साल या फिर इससे भी अधिक समय से अलग राज्यों में प्रतिनियुक्ति के नाम पर अभी भी तैनात हैं। विधानसभा सत्र के दौरान यह मामला सामने था इसलिए विभागीय मंत्री ने इस तरह के सभी शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति रद्द करने के लिए निर्देश दिए हैं। शिक्षा मंत्री डाॅ. धन सिंह रावत ने कहा है कि प्रतिनियुक्ति पर जितने भी लोग राज्य से अभी भी बाहर हैं। उनकी तरफ से कार्मिक विभाग के शासनादेश का उल्लंघन भी किया गया है और अब इन सबके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। संबंधित शिक्षक के साथ ही पांच साल से अधिक समय तक जिसने भी इन सबको तैनाती की अनुमति दी है अब उसके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।
मंत्री ने कहा कि प्रतिनियुक्ति अध्ययन के लिए जाने वाले, राज्य का नाम रोशन करने के लिए जाने वाले या फिर कुछ अन्य मामलों में दी जाती है, लेकिन पांच साल से ज्यादा समय तक नहीं दिया जा सकता है लेकिन अब जो भी है इन सब तरह के शिक्षकों को नोटिस जारी किया जाने वाला है। साथ ही इनको यह भी कहा जाएगा कि अपनी सेवाएं, वहीं ले जाएं जिस राज्य में प्रतिनियुक्ति पर हैं।
दिल्ली, यूपी, बिहार में भी शिक्षक दे रहे हैं सेवा
विधानसभा में यह बताया गया कि राज्य के अलग-अलग सरकारी स्कूलों के शिक्षक राज्य से बाहर विभिन्न प्रदेशों में प्रतिनियुक्ति पर हैं। इनमें जीआईसी बाडा डांडा पौड़ी में प्रवक्ता डाॅ. विनोद कुमार मिश्रा वर्ष 2017 से सर्व शिक्षा अभियान अब समग्र शिक्षा अभियान इलाहाबाद उत्तर प्रदेश में समन्वयक के पद पर कार्य कर रहे है। जीआईसी भीमताल नैनीताल में प्रवक्ता जगन्नाथ पांडेय प्रमुख सचिव यूपी के आदेश पर अप्रैल 1998 से अंबेडकर नगर उत्तर प्रदेश में जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी के पद पर कार्य कर रहे हैं। इसी तरह कुछ अन्य शिक्षक दिल्ली और यूपी में कार्य कर रहे है लेकिन अब इन सबके विरुद्ध कार्यवाही की जाने वाली है।