उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट, उत्तराखँड में मानसून की बारिश के बीच डेंगू, आई फ्लू समेत तमाम बिमारियों का खतरा बढ़ता जा रहा है। अकेले देहरादून की बात करें तो दून में अबतक डेंगू के 481 से ज्यादा मरीज मिल गए हैं। अस्पतालों में मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए सरकार के सामने स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करना बड़ी चुनौती हो गया है। अस्पतालों में अव्यवस्थाओं की लगातार मिल रही शिकायत के बाद स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने दून के तमाम अस्पतालों का औचक निरीक्षण किया…निरीक्षण के दौरान राजधानी के जिला अस्पताल कोरोनेशन के दौरान काफी खामियां देखने को मिली….आलम ये था कि स्वास्थ्य सचिव के निरीक्षण की सूचना चार घंटे पहले मिलने के बाद फिर भी व्यवस्थाएं नहीं सुधरीं। स्वास्थ्य सचिव ने डेंगू पीड़ित मरीजों से मिलकर उनका हाल जाना। मरीजों की ओर से प्लेटलेट्स की कमी और ब्लड रिपोर्ट देरी से आने की शिकायत की गई। वहीं अस्पताल में पैथोलॉजी सेंटर बंद होने पर स्वास्थ्य सचिव ने अस्पताल प्रशासन पर नाराजगी जताई…..वहीं दून अस्पताल की पुरानी बिल्डिंग डेंगू वार्ड में तो गद्दे लगाए गए थे…और ना ही मच्छरदानी….इतना ही नहीं दून अस्पताल डेंगू को कितनी गंभीरता से ले रहा है, इसका पता इस बात से चलता है कि अस्पताल प्रशासन ने दो डेंगू मरीजों की मौत की जानकारी 15 दिन से दबा रखी थी। इन मरीजों की एलाइजा जांच में डेंगू की पुष्टि हुई थी और इनकी मौत अगस्त में हो चुकी थी, लेकिन अस्पताल प्रशासन ने 15 दिन बाद स्वास्थ्य विभाग को इसकी जानकारी दी…वहीं विपक्ष ने बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं पर सरकार पर हमला शुरू कर दिया है। सवाल ये है कि आखिर राज्य की स्वास्थ्य सेवाएं कब पटरी पर आएंगी
उत्तराखँड में मानसून की बारिश के बीच डेंगू, आई फ्लू समेत तमाम बिमारियों का खतरा बढ़ता जा रहा है। अकेले देहरादून की बात करें तो दून में अबतक डेंगू के 481 से ज्यादा मरीज मिल गए हैं। अस्पतालों में मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए सरकार के सामने स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करना बड़ी चुनौती हो गया है। अस्पतालों में अव्यवस्थाओं की लगातार मिल रही शिकायत के बाद स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने दून के तमाम अस्पतालों का औचक निरीक्षण किया…निरीक्षण के दौरान राजधानी के जिला अस्पताल कोरोनेशन के दौरान काफी खामियां देखने को मिली….आलम ये था कि स्वास्थ्य सचिव के निरीक्षण की सूचना चार घंटे पहले मिलने के बाद फिर भी व्यवस्थाएं नहीं सुधरीं। स्वास्थ्य सचिव ने डेंगू पीड़ित मरीजों से मिलकर उनका हाल जाना। मरीजों की ओर से प्लेटलेट्स की कमी और ब्लड रिपोर्ट देरी से आने की शिकायत की गई। वहीं अस्पताल में पैथोलॉजी सेंटर बंद होने पर स्वास्थ्य सचिव ने अस्पताल प्रशासन पर नाराजगी जताई
वहीं स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार जब देहरादून के गांधी अस्पताल पहुंचे तो वह अस्पताल के हालात देखकर दंग रह गए। उन्होंने कहा-इतना बड़ा अस्पताल वीरान क्यों कर दिया? उन्होंने इसे तत्काल डेंगू मरीजों के लिए खोलने को कहा। यहां 24 बेड लगाए गए हैं, उन्होंने इन्हें 100 तक करने को कहा। वहीं राज्य में बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं पर सियासत पर भी शुरू हो गई है। कांग्रेस नेताओं दून के तमाम अस्पतालों का निरीक्षण किया इस दौरान उन्होने अस्पतालों में अव्यवस्थाओँ का आलम देख सरकार पर हमला शुरू कर दिया है। इसके साथ ही कांग्रेसियों ने डेंगू के बढ़ते मामलों की वजह फॉगिंग ना होना नालियों की सफाई ना होना बताया है…इसको देखते हुए कांग्रेसियों ने नगर निगम के बाहर जमकर विरोध प्रदर्शन किया…वहीं सत्तापक्ष ने कांग्रेस पर जनता में पैनिक बढ़ाने का आरोप लगाया है
कुल मिलाकर बढ़ती बीमारियों के बीच बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं ने मरीजों और तीमारदारों की मुश्किलें बढ़ा दी है। हांलाकि सरकार ने डेंगू और आई फ्लू के बढ़ते मामलों को देखते हुए अस्पतालों में डेंगू वार्ड समेत अन्य व्यवस्थाओं को किया है….लेकिन सरकार के ये इंतजाम नाकाफी नजर आ रहे हैं। देखना होगा आखिर कबतक राज्य की स्वास्थ्य सेवाएं पटरी पर लौटती है