सुरक्षा पर सवाल ,अवैध मदरसों पर बवाल !

उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट, उत्तराखंड में धामी सरकार की अवैध मदरसों के खिलाफ कार्यवाही लगातार चल रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सख्त निर्देश के बाद उत्तराखंड में अवैध मदरसों के खिलाफ प्रशासन का अभियान जारी है। देहरादून, हरिद्वार, रुड़की, विकास नगर शहरों के बाद उधमसिंह नगर जिले में अवैध मदरसों को सील किया जा रहा है। बीते 15 दिनों में लगभग 92 अवैध मदरसे उत्तराखंड में सील कर दिए है। राज्यसभा सांसद नरेश बंसल संसद ने भी बुधवार को घुसपैठियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग उठाई। उन्होंने कहा कि जो लोग  देश में घुसपैठ करा रहे हैं ,और यहां के कागजात दे रहे हैं उनके खिलाफ सख्ती बरती जाए। उन्होंने कहा कि इस तरह के काम करने वाले गिरोह को गिरफ्तार कर उनका नेटवर्क ध्वस्त किया जाए अलग-अलग देशों से सीमा पर प्रहरियों से बचते हुए विभिन्न खुफिया मार्ग से हजारों की संख्या में रोहिंग्या मुसलमान व अन्य घुसपैठिए भारत के अंदरूनी हिस्सों का रुख कर चुके हैं  जो बेहद चिंता का विषय सभी राज्यों के लिए बना है जिसके चलते धामी सरकार भी अवैध घुसपैठियों व अवैध मदरसों अवैध अतिक्रमण को लेकर पहले से ही सख्त है जिसकी रोकथाम को रोकने के लिए सर्च ऑपरेशन कर कार्यवाही भी की जा रही है वहीं विपक्ष ने अवैध मदरसों पर हो रही इस कार्रवाई पर सवाल खड़े कर दिए है। कांग्रेस की माने तो बीजेपी चाहती है कि जनता बेरोजगारी समेत अन्य समस्याओं पर ध्यान न देकर मस्जिद-मजार और हिंदू-मुस्लिम में उलझी रहे।

आपको बता दे धामी सरकार ने पिछले 15 दिनों में प्रदेशभर में 92 से अधिक मदरसों को सील किया जा चुका है। उधमसिंह नगर जिले के सितारगंज में संचालित अवैध मदरसों को सील किया जा रहा है। बीते रोज भारी पुलिस बल के साथ प्रशासन की टीम ने 17 मदरसों की जांच शुरू कर मान्यता के बिना घरों में चल रहे अवैध मदरसों को सील किया गया है। उपजिलाधिकारी खटीमा रविन्द्र बिष्ट, तहसीलदार पूजा शर्मा, सीओ भूपेंद्र सिंह धोनी के नेतृत्व में सितारगंज, किच्छा, नानकमत्ता, खटीमा, झनकइया थानों में तैनात पुलिस बल, पीएसी समेत सितारगंज, नानकमत्ता, खटीमा तहसील की राजस्व विभाग की टीम ने मदरसों की चेकिंग का अभियान चलाया जा रहा है। जो मदरसे  मान्यता के बिना संचालित होते मिले पुलिस-प्रशासन की ओर से एक्शन लिया है। जिला प्रशासन ने संचालकों से दस्तावेज मांगे दस्तावेज व मान्यता नहीं मिलने पर सील करने की कार्रवाई की गई। मदरसों को सील करने की कार्रवाई के दौरान भारी भीड़ जमा रही। इसके बावजूद भी पुलिस प्रशासन ने सख्ती दिखाते हुए अवैध मदरसों को सील कर दिया। वही राज्यसभा संसद के बयान को लेकर की विभिन्न खुफिया मार्ग से हजारों की संख्या में रोहिंग्या मुसलमान व अन्य घुसपैठिए भारत के अंदरूनी हिस्सों का रुख कर चुके हैं सुरक्षा व्यवस्था पर कई सवाल खड़े करता है।

आपको बता दे उत्तराखंड के हरिद्वार जिले में एक मजार भी हटाई जाएगी।  उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग ने मजार पर 10 दिन का नोटिस चस्पा कर दिया है। अवैध मदरसों के खिलाफ सरकार द्वारा चलाए जा रहे अभियान को लेकर राजनीति गर्मा गई है। विपक्ष ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि सरकार कानून के दायरे में काम नहीं कर रहीं है। हिंदू मुस्लिम पर काम कर रहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार की नीति और नियत दोनों खराब है सरकार का यदि ऐसा ही रवैया रहा तो जनता इनको सबक सिखायेगी।

सवाल यह है कि इतनी बड़ी संख्या में अवैध मदरसे चल रहे थे तो मदरसा बोर्ड क्या कर रहा था। इसमें भी कोई दो राय नहीं कि प्रदेश में कई मदरसे अवैध रूप से चल रहे हैं शासन ने अवैध रूप से चल रहे मदरसों की जांच के आदेश दे दिए हैं जिला प्रशासन स्तर से इसकी जांच चल रही है सभी जिलों के डीएम जांच रिपोर्ट शासन को जल्द सौंपेंगे लेकिन सरकार अभी से ही अवैध मदरसों को लेकर गंभीर है वही राज्यसभा संसद के बयान को लेकर की विभिन्न खुफिया मार्ग से हजारों की संख्या में रोहिंग्या मुसलमान व अन्य घुसपैठिए भारत के अंदरूनी हिस्सों का रुख कर चुके हैं सुरक्षा व्यवस्था पर कई सवाल खड़े करता है। अब देखना होगा क्या ये बात सत्य है अगर सत्य है तो डबल इंजन की सरकार के साथ साथ ये देश व अन्य राज्य की सुरक्षा पर बड़ा सवाल खड़ा होता है अब सरकार का अवैध मदरसों के साथ घुसपैठ पर भी रोक लगाना बड़ी चुनौती बन सकता है।

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