उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट, प्रदेश में आखिर लंबे समय के इंतजार के बाद त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तारीखों का ऐलान हो गया था इस बार दो चरणों में मतदान प्रक्रिया प्रदेश के अंदर लागू होनी थी जिसमें 10 जुलाई और 15 जुलाई को दूसरे चरण में मतदान प्रदेश में करने वहीं 19 जुलाई को मतगणना की प्रक्रिया चुनाव निर्वाचन को संपन्न करनी थी इसी बीच सरकार को नैनीताल हाई कोर्ट से चुनाव पर प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी हो गया जिसको लेकर एक बार राज्यभर में पंचायत चुनाव न करने के बादल मंडराने लगे वही आज उत्तराखंड में होने वाले पंचायत चुनाव पर लगी रोक को हटा दिया गया है. हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को पंचायत चुनाव कराने की अनुमति दे दी है. हाईकोर्ट के इस फैसले से अब पंचायत चुनाव के होने का रास्ता साफ हो गया है. धामी सरकार पंचायत चुनाव पर लगी रोक हटाने के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. अब हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद पंचायत चुनाव का नया कार्यक्रम जारी होगा यानी अब चुनाव नई तारीख पर होंगे. सभी चुनाव कार्यक्रम तीन दिन आगे बढ़ा दिए गए हैं. हाईकोर्ट 9 जून की नियमावली की वैधता पर आगे भी सुनवाई करेगा. हाईकोर्ट में दाखिल 39 याचिकाओं पर नैनीताल हाईकोर्ट सुनवाई कर रहा है. 9 जून की नियमावली और 11 जून के जिओ को चुनौती दी गई थी सरकार ने कोर्ट में पंचायत चुनावों पर लगी रोक हटाने के लिये प्रार्थना पत्र दाखिल किया था. इस पत्र में कहा था कि जो रोक हाईकोर्ट ने लगाई है, उसको हटाया जाए. क्योंकि हाईकोर्ट ने 9 जून के चुनाव नियमावली का गजट पब्लिकेशन नहीं होने को आधार बनाकर रोक लगाई थी. मगर 14 जून को इसका गजट नोटिफिकेशन जारी हो गया था. वहीं आरक्षण मामले में हाईकोर्ट में सरकार ने कहा कि आरक्षण एकदम ठीक है अगर आरक्षण का रोस्टर पहले भी जारी किया गया है, तब भी अधिकांश सीटों के आरक्षण में बदलाव किया गया है.अब प्रदेश में कुल मिलाकर पंचायत चुनावी बुगुल बच चुका है जल्द ही नया डे प्लान राज्य चुनाव अपना घोषित करेगा। सभी राजनीतिक पार्टियों इस पंचायत चुनाव को 2027 के होने जा रहे चुनाव के लिए महत्वपूर्ण और सेमीफाइनल मान रहे हैं .
उत्तराखंड हाईकोर्ट ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में आरक्षण रोस्टर निर्धारण के खिलाफ दायर विभिन्न याचिकाओं की सुनवाई मुख्य न्यायधीश की अध्यक्षता वाली खण्डपीठ में शुक्रवार को भी हुई। आज हुई सुनवाई के बाद कोर्ट ने चुनाव पर लगी रोक हटा दी है और चुनाव आयोग से पूर्व में जारी चुनाव कार्यक्रम को तीन दिन आगे बढ़ाते हुए चुनाव कार्यक्रम जारी करने को कहा है। साथ ही सरकार को याचिकाकर्ताओं द्वारा उठाये गए मुद्दों पर तीन हफ्ते के भीतर जबाव देने को कहा है। कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर किसी प्रत्याशी को इसमे आपत्ति है तो वह कोर्ट में अपना पक्ष रख सकता है। महाधिवक्ता व मुख्य स्थायी अधिवक्ता ने सरकार का पक्ष रखते हुए बताया कि पिछड़ा वर्ग समर्पित आयोग की रिपोर्ट के बाद आरक्षण रोस्टर को शून्य घोषित करना व वर्तमान पंचायत चुनाव को प्रथम चरण माना जाना आवश्यक था ।
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर सरकार पर आए संकट के बदले अब छटते हुए नजर आ रहे हैं.आज नैनीताल हाई कोर्ट ने पंचायत चुनाव की मंजूरी दे दी है। और साथ ही भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने विपक्षी दलों पर भी निशाना साधते हुए चुनाव पंचायत चुनाव करने को लेकर अपनी मंशा को साफ किया है और तमाम विपक्षी दलों को अवगत कराया है कि पंचायत चुनाव में भाजपा की निश्चित तौर पर जीत होगी वहीं विपक्षी दलों ने भी भाजपा के द्वारा पंचायत चुनाव में लेटलतीफी और नियमों की अनदेखी को लेकर सवाल-जवाब खड़े किए हैं और साथ ही निर्वाचन से जल्द ही पंचायत चुनाव पर लेकर नया नोटिफिकेशन जारी करने के साथ-साथ चुनाव कराने को लेकर पारदर्शिता बरकरार रखने की गुहार लगाई है,
आपको बता दे राज्य निर्वाचन आयुक्त सुशील कुमार ने पंचायत चुनावों को लेकर विस्तृत कार्यक्रम की घोषणा कर दी थी। राज्यभर में पंचायत चुनाव दो चरणों में संपन्न होने थे , जिसमें ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य और जिला पंचायत सदस्य पदों के लिए मतदान होना तय था। कुल मिलाकर इस बार 74,499 ग्राम प्रधान, 55,600 ग्राम पंचायत सदस्य, 2,974 क्षेत्र पंचायत सदस्य, और 358 जिला पंचायत सदस्य चुने गए। लेकिन हाई कोर्ट से त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव न करने को लेकर रोक लगी 3 दिनों में सरकार ने अपना पक्ष रखा और हाई कोर्ट ने आज त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की मंजूरी भी दे दी अब इंतजार है राज्य चुनाव निर्वाचन का वो इस चुनाव को लेकर कितना तैयार है।