कांग्रेस को नहीं खबर, गोडसे पर गदर ?

उत्तराखंड– उत्तराखंड में गोडसे पर दिए बयान पर सियासी घमासान कम होने का नाम नहीं ले रहा है। सूर्य की बढ़ती तपिश के साथ ही राज्य में राजनीति का temprature भी हाई होता जा रहा है। आलम ये है कि बयान भले ही त्रिवेंद्र ने यूपी में दिया लेकिन उनका ये बयान जंगलों में लगी आग से भी तेज फेल गया। कांग्रेस पूरे उत्तराखंड में त्रिवेंद्र के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रही है। जगह जगह त्रिवेंद्र के पूतले फूके जा रहे हैं। त्रिवेंद्र मूर्दाबाद के नारे लगाए जा रहे हैं। प्रदेश के गरमाते सियासी माहौल के बीच त्रिवेंद्र यूपी से देहरादून की ट्रेन पकड़कर अपने आवास पहुंच गए यहां पहुंचते ही त्रिवेंद्र का उनके समर्थकों ने फूल मालाओं के साथ स्वागत किया| 

साथ ही उनके बयान की भाजपा के नेता भी सराहना कर रहे हैं। त्रिवेंद्र के देवभूमि में कदम रखते ही कांग्रेस का पारा भी जून की तपती गर्मी में और बढ़ गया| नतीजा ये हुआ कि कांग्रेस ने 40 डिग्री तापमान की परवाह किए बिना त्रिवेंद्र के आवास के घेराव का कार्यक्रम बनाया हालांकि कांग्रेसियों को त्रिवेंद्र के घर जाने से पहले ही पुलिस ने रोक लिया लेकिन इस सियासी बवाल को तब और आग लग गई जब त्रिवेंद्र ने यह कह दिया कि महात्मा गांधी के असली हत्यारे कांग्रेसी ही है और कांग्रेसियों ने हमेशा महात्मा गांधी के विचारों की हत्या की है। त्रिवेंद्र के इस बयान का लगे हाथ केंद्रीय राज्यमंत्री अजय भट्ट ने भी समर्थन कर दिया जिसके बाद कांग्रेसियों ने अजय भट्ट के इस्तीफे की मांग की है। 

कुल मिलाकर लोकसभा चुनाव से पहले राज्य में गोडसे को देशभक्त बताए जाने पर सियासी घमासान छिड़ गया है। एक ओर जहां कांग्रेस इस मुद्दे पर भाजपा पर हमलावर है तो दूसरी ओर त्रिवेंद्र अपने इस बयान पर कायम है इतना ही नहीं त्रिवेंद्र के अनुसार,  गांधी के असली हत्यारे कांग्रेसी है। त्रिवेंद्र के गोडसे पर दिए जा रहे एकाएक बयान ने राज्य की सियासत को गरमा दिया है। ऐसे में सवाल ये है कि क्या त्रिवेंद्र सुर्खियों में आने के लिए ये बयान दे रहे हैं?

 

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