डिजिटल डेस्क- 2027 के विधानसभा चुनाव में अब कुछ ही वक्त बचा है और कांग्रेस पार्टी अपनी रणनीति को अंतिम रूप देने में जुट गई है। हल्द्वानी में हुई एक बड़ी बैठक से लेकर काशीपुर तक पार्टी के नेता एकजुटता का संदेश देने में जुटे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत से लेकर काशीपुर और कुमाऊं के दिग्गजों ने साफ कर दिया है कि अब व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं से ऊपर उठकर पार्टी को सरकार में लाने की लड़ाई लड़ी जाएगी। क्या वाकई कांग्रेस अब बदल चुकी है? देखिए हमारी खास रिपोर्ट काशीपुर….
साथ नजर आये कांग्रेस के दिग्गज नेता
काशीपुर में भी कांग्रेस की हलचल तेज हो गई है। हल्द्वानी में आयोजित एक कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, विधायक मनोज तिवारी, हरीश धामी और गोविंद सिंह कुंजवाल समेत कई वरिष्ठ नेता एक मंच पर नजर आए। उनके साथ आने से संदेश साफ था — कांग्रेस अब पुराने मतभेद भुलाकर 2027 के चुनाव को सामूहिक नेतृत्व के साथ लड़ेगी। काशीपुर और ऊधमसिंह नगर जैसे जिलों में भी कांग्रेस संगठन को मजबूत करने की कवायद तेज हो गई है। अब पार्टी कार्यकर्ताओं को सोशल मीडिया की बयानबाजियों से दूर रहकर ज़मीनी स्तर पर सक्रिय किया जा रहा है।
पार्टी के भीतर स्लीपर सेल पर खड़े किए सवाल
धारचूला से विधायक हरीश धामी ने कांग्रेस के भीतर मौजूद “स्लीपर सेल” पर सवाल खड़े किए और स्पष्ट कहा कि यदि कांग्रेस को सत्ता तक पहुंचना है तो ऐसे चेहरों को संगठन से बाहर करना ही होगा। फिलहाल, कांग्रेस मिशन 2027 की तैयारियों में जुट चुकी है। हाईकमान के निर्देश के बाद काशीपुर से लेकर अल्मोड़ा तक एक नई एकजुटता दिख रही है। अब सबसे बड़ा सवाल ये है — क्या कांग्रेस इस एकजुटता को 2027 तक कायम रख पाएगी? और कौन होगा वो चेहरा जिसके पीछे पूरी पार्टी खड़ी होगी?