मजिस्ट्रेटी जांच में एसटीपी संचालन कंपनी दोषी : चमोली हादसा

उत्तराखंड, चमोली : बीते रोज चमोली में एसटीपी, सीवर ट्रीटमेंट प्लांट में करंट फैसले से 16 लोगों की मौत और ग्यारह लोग घायल हो गये थे। घटना के कारणों की जांच की जा रही है। अब तक मजिस्ट्रेटी जांच में सामने आया है कि प्लांट का संचालन कर रही कम्पनी की लापरवाही के चलते ही यह हादसा हुआ है। एसटीपी का संचालन करने वाली दो कम्पनियों के कर्मचारियों और पदाधिकारियों पर प्लांट में लापरवाही दिखाने और गैर इरादतन हत्या के केस दर्ज कर दिया गया है। हालांकि जांच अभी जारी है। इसमें अभी इस भीषण दुर्घटना के अन्य कारणों का भी पता लगाया जा रहा है।

कंपनी ने प्लांट में हुए सॉर्ट सर्किट की बात छुपाई

नमामी गंगा योजना के तहत इस सीवर ट्रीटमेंट प्लांट का संचालन पटियाला और कोयंबतूर की दो कम्पनियां कर रहीं थी। ऐसे में इस हादसे को लेकर प्रथम मजिस्ट्रेटी जांच में जब टीम ने प्लांट के सुपरवाइजर पवन चमौला से पूछताछ करी तो, बताया कि प्लांट में हादसे के पूर्व सॉर्ट सर्किट हुआ था जिसकी सूचना उसने कम्पनी के अधिकारियों को दी लेकिन इस मामले पर कुछ नहीं किया गया। इसके साथ ही क्षेत्र में विद्युत फॉल्ट होने पर जब उर्जा निगम के लाइनमैन ने प्लांट पर आने पर उससे भी इस सॉर्ट सर्किट की बात को छुपाया गया। जिसके कारण 16 लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा मुख्यमंत्री धामी ने पूर्व में ही कहा था कि दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए। घटना स्थल में पहुंचे मुख्य सचिव डॉ एसएस संधु ने जिलाधिकारी चमोली से जांच की प्राथमिक रिपोर्ट ली। साथ ही हर अपडेट की रिपोर्ट देने को कहा।

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