उत्तराखंड| कैबिनेट की बुधवार को हुई बैठक में नई स्टार्टअप नीति को मंजूरी मिल गई। उधयोग विभाग के सचिव डॉ पंकज पांडेय ने बताया की नई नीति के तहत राज्य में स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए कहा गया है। उनका कहना है की देश में स्टार्टअप का विकास बहुत तेजी से हो रहा है। इसलिए क्षेत्रों में रफ्तार को आगे बढ़ाने के लिए नई स्टार्टअप नीति कीई पॉलिसी को लागू किया गया है। राज्य में स्टार्टअप के लिए अच्छा महौल, मूलभूत सुविधाओ के विकास और युवाओ को स्टार्टअप नीति के जरिए रोजगार देने का लक्ष्य रखा गया है। अभी देखा जाए तो राज्य में स्टार्टअप की संख्या सौ के करीब है और पाँच साल में उनकी संख्या को बढ़ाकर 1 हजार करने की बात की गई है। निवेशकों तक स्टार्टअप की पहुच को बढ़ाने के लिए सौ करोड़ का वेंचर फंड बनाया जाएगा। इसके अलावा सरकार राज्य के स्टार्टअप के पेटेंट करवाने पर खर्च होने वाली राशि का भुगतान करेगी। अंतरराष्ट्रीय पेटेंट के लिए पाँच लाख रुपए तक देने की बात की गई है। यदि कोई स्टार्टअप ट्रैडमार्क के लिए कहता है तो उसको 10 हजार रुपए ट्रैडमार्क के लिए दिए जाएगे। डॉ पांडेय ने बताया की स्टार्टअप की पहुच को निवेशकों तक बढ़ाने के लिए 200 करोड़ का वेंचर फंड बनाया जाएगा। इस स्टार्टअप के लिए बच्चों के बीच बहुत सी परियोगिताए करवाई जाएगी और विभिन कार्यक्रम भी आयोजित करके सबको जागरूक किया जाएगा। उत्तराखंड में स्टार्टअप को बढ़ाने के लिए स्कूल स्तर से ही स्टार्टअप की बढ़ावा दिया जाएगा। इसके तहत स्कूल और कॉलेज स्तर पर भी काफी प्रकार के चैलेंज शुरू करवाए जाएंगे।
स्टार्टअप को भी अब दिया जाएगा मासिक भत्ता
युवाओं को स्टार्टअप की और ज्यादा से ज्यादा आकर्षित करने के लिए मान्यता प्राप्त स्टार्टअप को मासिक भत्ता दिया जाएगा। मान्यता प्राप्त स्टार्टअप या छात्र को 15 हजार रुपए मासिक और ग्रामीण क्षेत्र के स्टार्टअप या छात्र को 20 हजार रुपए का मासिक भत्ता दिया जाएगा। मान्यता प्राप्त स्टार्टअप को 10 लाख रुपए तक की फंडिंग की जाएगी।