देहरादून, हर साल नए शैक्षणिक वर्ष में स्कूलों में जहां एडमिशन का दौर शुरू हो जाता है, इसके साथ ही अभिभावक भी अपने बच्चों की नयी कक्षाओं के लिए किताबें खरीदने लगते हैं। लेकिन शिक्षा को व्यापार समझने वाले प्राइवेट स्कूल इस समय भी अपनी लूट जारी रखते हैं। जहां स्कूलों को निर्देश हैं कि वे अपने एनसीआरटी की किताबों ही बच्चों को उपलब्ध करवाये। लेकिन ऐसा होता हुआ दिख नहीं रहा है। क्योंकि अभिभावकों की इन दिनों रोज शिकायत आ रही है। कि उन पर निजी प्रकाशकों की किताबों को खरीदने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। जो कि एनसीईआरटी की किताबों की तुलना में ऊंचे दामों में बिकती हैं। इसको रोकने के लिए मुख्य शिक्षा अधिकारी सीईओ देहरादून ब्लॉक शिक्षा अधिकारी की अगुवाई में एक विशेष टीम का जल्द ही गठन करेंगें। इस टीम पर जांच की जिम्मेदारी होगी कि निजी स्कूल अभिभावकों पर किसी प्रकार का दबाव तो नहीं बना रहे कि उन्हे निजी प्रकाशकों की किताबंे खरीदनी पड़े। ऐसा करते हुए पाये जाने पर उस स्कूल के खिलाफ कार्यवाही की जायेगी। आपको बता दें कि केवल राजधानी मे ही करीब एक हजार निजी स्कूल हैं। अभिभावकों की तरफ से लगातार इसमें शिकायत मिलने के बाद बीते सप्ताह विद्यालयी शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने भी राज्य के मुख्य शिक्षा अधिकारियों को आदेश जारी किया गया, कि निजी स्कूलों में जो इस प्रकार के निजी प्रकाशन की किताबों को खरीदने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। उन पर कार्यवाही की जाए।