देहरादून. नया शैक्षणिक वर्ष शुरू होने के साथ ही नयी कक्षाओं का संचालन शुरू होने लगा है। इसके साथ ही अभिभावकों की भागदौड़ भी शुरू हो चुकी है। लेकिन शायद यही वक्त है जब शिक्षा माफिया अपनी जेब भरने के लिए अभिभावकों को लूटने के लिए सक्रिय हो जाते है। इसमें निजी स्कूलों की बड़ी भागीदारी रहती है। एक और माता-पिता अपने बच्चों के भविष्य को संवारने को लेकर दिन-रात मेहनत करते हैं। वही निजी स्कूल किताबों यूनिफॉर्म व फीस के नाम पर बेलगाम अभिभावकों को लूट रहे हैं। इसी को लेकर आज देहरादून में उत्तराखण्ड कान्ति दल ने डीएम कार्यालय का घेराव कर प्रदर्शन किया। साथ ही निजी स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाने को लेकर डीएम कार्यालय में ज्ञापन दिया। यूकेडी ने कहा कि निजी स्कूलों को एनसीईआरटी की किताबों से पढ़ाने को कहा गया है। लेकिन बुक सेलर के पास जाने पर वे निजी प्रकाशकों की किताबों को खरीदने का दबाव बनाते हैं जो ऊँचे दामों पर बिकती है।
निजी स्कूलों की मनमानी पर सरकार मौन
आए दिन अभिभावक शिकायत करते रहते हैं कि निजी स्कूलों द्वारा कभी फीस के नाम पर तो कभी किताबों और यूनिफॉर्म के नाम पर उनसे लूट हो रही है लेकिन सरकार की ओर से कभी इसपर कार्यवाही नहीं की गयी। यूकेडी के केन्द्रीय मीडिया प्रभारी शिवप्रसाद सेमवाल ने आरोप लगाया कि सरकार के मंत्री विधायक शिक्षा की लूट में शामिल है। इसलिए ये इसपर कोई कार्यवाही नहीं करना चाहते। साथ ही कहा कि पिछले सात साल से सरकार फीस एक्ट पर बात तो कर रही है, लेकिन अभी तक उसको लागू नहीं किया गया। उन्होने चेतावनी भी दी है कि, अगर सरकार निजी स्कूलों द्वारा अभिभावकों के उत्पीड़न पर कार्यवाई नहीं करती है तो यूकेडी सड़कों पर उतरकर आन्दोलन करेगी। हालांकि शिक्षा विभाग ने ऐसे स्कूलों को चिह्नित कर नोटिस भी जारी किया है। देखने वाली बात ये होगी कि शिक्षा विभाग इनपर क्या कार्यवाही करता है।