फॉरेस्ट गार्ड भर्ती में शिकंजा बरकरार , शिक्षक को किया गिरफ्तार
फॉरेस्ट गार्ड भर्ती मामले में दोनों पक्षों के बीच समझौता होने से केस खारिज हो गया पर पेपर आउट करवाने वाले पर अभी भी कानून अपना शिकंजा कस सकता है कुछ ने मामले की सीबीआई जांच की मांग की है जिस पर पुलिस नए आधार पर केस को आगे लेकर जा सकती है। 2020 को फॉरेस्ट गार्ड 1268 पदों के लिए भर्ती परीक्षा में ब्लूटूथ से नकल करने का मामला सामने आया था। जिस पर सरकार की तरफ से कोई केस दर्ज नहीं किया गया था। अब डीजीपी ने इस पर नए सिरे से परीक्षण के आदेश दिए है। परीक्षा में फेल होने पर कई बच्चों ने नकल होने का दावा किया है और उसपर जांच की मांग की है। इस भर्ती घोटाले में पेपर लीक मामले में बागेश्वर में तैनात अल्मोड़ा निवासी एक सरकारी शिक्षक को एसटीएफ ने गिरफ्तार किया गया। शिक्षक जिला पंचायत का सदस्य बताया जा रहा है। इस मामले अब तक की यह 22वी गिरफ़्तारी है इसी मामले में कुमाऊ से अभी और भी लोग एसटीएफ के निशाने पर है।
एसटीएफ एसएसपी अजय सिंह ने बताया की आरोपी शिक्षक जगदीश गोस्वामी चांदी खेत चौखुटिया अल्मोड़ा से गिरफ्तार किया गया। धामपुर में उसने अपने क्षेत्र और आसपास के और बच्चों को ले जाकर पेपर याद करवाया था और वापिस परीक्षा केंद्रों पर छोड़ दिया था। शिक्षक ने काफी बच्चों से अच्छी रकम वसूल की थी। इस मामले में फसने से बच्चों को सही रास्ता दिखाने वाले गुरुजी खुद सवालों के घेरे में थे। शिक्षक बच्चों को गलत पाठ पढ़ा रहे है। आरोपी को अदालत मे पेश किया जाएगा और इस घोटाले मे जुड़े लोगों की तलाश की जाएगी। उतराखंड मे भर्ती मामले की शिकायते लगातार बढ़ रही है जिसपर बेरोजगारों ने सोमवार को ट्विटर पर सीबीआई जांच को ट्रेंड करने का निर्णय लिया है।