उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट, लम्बे समय के इंतज़ार के बाद बीते दिनों 11 नवंबर को कांग्रेस हाईकमान द्वारा प्रदेश कांग्रेस की नई संरचना की गयी है यानी कि प्रदेश कांग्रेस को नए अध्यक्ष सहित 27 जिलों के अध्यक्षों के नाम घोषित कर दिया गया है. यह भी कहा जा सकता है. कि आगामी 2027 के उत्तराखंड विधानसभा चुनावों में विजय हासिल करने के लिए प्रदेश कांग्रेस ने बिगुल फूक दिया है. आपको बता दे कि गणेश गोदियाल को प्रदेश अध्यक्ष, छह बार विधायक रह चुके व पूर्व मंत्री प्रीतम सिंह को अभियान समिति अध्यक्ष व पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत को चुनाव प्रबंधन समिति के अध्यक्ष के रूप में जिम्मेदारियां दी गयी है. वही बीते रविवार प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में पदभार ग्रहण समारोह में सभी पदाधिकारी आगामी विधानसभा के चुनाव को लेकर अपनी अपनी बात सामने रखते दिखाई दिये. पदभार ग्रहण समारोह के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरिश रावत भी मौजूद नज़र आये. समारोह के बीच हरीश रावत का बयान भी सामने आया है. जो इन दिनों सुर्खियों में तेज़ है. हरीश रावत ने मंच से अपनी बात रखी. इस दौरान हरीश रावत ने कहा कि समाज में बहुत सारे विष पुरुष होते हैं. मैं उन सब से कहना चाहता हूं कि जिनके मन में थोड़ा-थोड़ा है, उस विष को मेरी जेब में उड़ेल दो, उसको मैं अपने गले में रख लूंगा. लेकिन कांग्रेस के लिए उस विष को या तो अपने पास रखो या फिर उनकी जेब में डाल दो. वही विष पुरुषों ने कांग्रेस को बहुत नुकसान पहुंचा दिया है. हरिश के इस बयान को लेकर प्रदेश की राजनीति ने अलग मोड़ ले लिया है. और सभी राजनीतिक दल भी इस बयान के बाद अपने अपने विचार सामने रख रहे है. वही एक बार फिर प्रदेश में राजनितिक सरगर्मियां तेज़ हो गयी है. देखने वाली बात यह होगी कि आने वाले चुनाव में कौन विजयी होता है. लेकिन राजनितिक बयानबाजियां अभी से तेज़ होती दिख रही है, पक्ष विपक्ष सभी एक दूसरे पर तंज कस्ते हुए नज़र आ रहे है.
उत्तराखंड में कांग्रेस के नए प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल के शपथ ग्रहण समारोह में हरीश रावत ने बड़ा बयान दिया, जो इस वक्त सबसे ज्यादा सुर्खियों में है. हरीश रावत के इस बयान के बाद बीजेपी को भी कांग्रेस पर हमला करने का मौका मिल गया है.दरअसल, कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय देहरादून में पार्टी के नए प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल के स्वागत कार्यक्रम में हरीश रावत ने मंच से अपनी बात रखी. इस दौरान हरीश रावत ने कहा कि समाज में बहुत सारे विष पुरुष होते हैं. मैं उन सब से कहना चाहता हूं, जिनके मन में थोड़ा-थोड़ा है, उस विष को मेरी जेब में उड़ेल दो, उसको मैं अपने गले में रख लूंगा. लेकिन कांग्रेस के लिए उस विष को या तो अपने पास रखो या फिर उनकी जेब में डाल दो. विष पुरुषों ने कांग्रेस को बहुत नुकसान पहुंचा दिया है.वही भाजपा भी हरीश के बयान पर तंज कसती नजर आ रही है.भाजपा का मानना है कि हरीश रावत की भाषा बहुत ही आपत्तिजनक है, जो मैं देख रहा हूं. हरीश रावत अपने ही कार्यकर्ताओं को विष पुरुष के तौर पर संबोधित कर रहे हैं. कठिनाई ये है कि जिस कांग्रेस के दम पर वो अगला चुनाव लड़ने जा रहे हैं, उसमें उन्हें सारे विष पुरुष दिखाई दे रहे हैं, इससे समझा जा सकता है कि कांग्रेस कहां खड़ी है. इतने वरिष्ठ नेता को ऐसा नहीं कहना चाहिए
उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के नये अध्यक्ष के रूप में गणेश गोदियाल के संगठन की कमान संभालने के बाद से भाजपा के निशाने पर आ गए हैं. भाजपा जहां प्रदेश की मुख्य विपक्षी पार्टी के खिलाफ आक्रामक हो रही है, तो वहीं कांग्रेस पार्टी के नेता भाजपा को करारा जवाब देते हुए.अपने नए अध्यक्ष का पूरा बचाव कर रहे हैं.वही हरीश रावत ने इस बार पार्टी में हुए बदलाव की तुलना पांच पांडवों की है. साथ ही इस बदलाव को शक्तिशाली पंचमुखी रुद्राक्ष माना है. वही इसी पर भाजपा विधायक विनोद चमोली ने तंज कस्ते हुए कहा कांग्रेस पंचमुखी रुद्राक्ष नहीं अलग अलग चेहरे की पार्टी है.तभी तो सब अलग है.वही अन्य विपक्षी दलों ने भी 2027 के चुनाव की रणनीति बना दी है जो दोनों पार्टियों को एक सिक्के के दो पहलू बता रही है.
अब कांग्रेस का मानना है. की पार्टी में नेताओं और कार्यकर्ताओं को अपनी बात रखने का स्वतंत्र अधिकार दिया गया है. जिस भ्रष्टाचार की नींव को भाजपा अपने कार्यकाल के दौरान सींचते हुए आई है, उस भ्रष्टाचार को कांग्रेस पार्टी आने वाले विधानसभा सत्र में पूरी प्रमुखता से उठाने जा रही है.कांग्रेस में हुए अब बड़े परिवर्तन से पार्टी को मानो नई ऊर्जा मिल गई हो और यही वजह है. की पार्टी इसको 2027 के विधानसभा चुनाव में देवभूमि उत्तराखंड से गणेश गोदियाल, हरक सिंह, प्रीतम सिंह, करन माहरा व प्रीतम सिंह के नेतृत्व में 2002 की तरह एक बार फिर कांग्रेस पार्टी उत्तराखंड में अपना परचम लहराने जा रही है.सवाल अब यही है. की हरीश रावत जैसे पार्टी के दिग्गज नेता आपने इन बयानों से पार्टी की दिशा और दशा ख़राब न कर दे, क्या ऐसे ही बयान पार्टी को जीत हासिल करा पाएंगे या कही ये जुबानी जंग पार्टी की चाल को ख़राब न कर दे.