कार्तिक पूर्णिमा के दिन हरिद्वार में उमड़ा भगतों का सैलाब
आज कार्तिक पूर्णिमा का स्नान पर्व है। यह साल का आखिरी पर्व स्नान है। इस मौके पर हरिद्वार में गंगा स्नान करने के लिए लोगों के आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा है बहुत दूर दूर से लोग हरिद्वार आए है। कार्तिक स्नान पर्व पर गंगा स्नान करने का विशेष महत्व माना जाता है और यह स्नान बहुत ही पवित्र माना जाता है। आज के दिन हरकी पैड़ी पर लाखों श्रद्धालुओं ने गंगा में पावन डुबकी लगाकर खुद को पवित्र किया। कार्तिक पूर्णिमा का धार्मिक दृष्टि से काफी महत्व माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि कार्तिक मास में पड़ने वाले स्नान पर्व को देव दीपावली के रूप में मनाया जाता है क्योंकि इस दिन देवता खुद धरती पर स्नान करने के लिए आते हैं। हरिद्वार में आधी रात को ही श्रद्धालुओं के आना शुरू कर दिया था। वहीं, ब्रह़मुहुर्त से ही श्रद्धालुओं ने हरकी पैड़ी पहुंचकर स्नान करना शुरू कर दिया। भरी ठंड के बाद भी श्रद्धालुओं का उत्साह देखने वाला था। श्रद्धालुओं का मानना है कि आज के दिन गंगा में स्नान करना पवित्र माना जाता है इस दिन स्नान करने से पुण्य और मोक्ष की प्राप्ति होती है। कार्तिक पूर्णिमा स्नान के लिए हरिद्वार की पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं ताकि किसे को कोई भी परेशानी न हो और साथ ही ट्रैफिक को लेकर भी विशेष प्रबंध किए गए है।यात्रियों के डूबने की घटनाओं हरिद्वार में काफी होती है इसलिए उसपर रोकथाम के लिए मुख्य स्नान घाटों पर जल पुलिस जवान, गोताखोरों के साथ ही एक बोट के साथ तैनात है। साथ ही आतंकवादी घटनाओं की रोकथाम के लिए लगातार चेकिंग जारी है। आज साल का आखिरी पर्व स्नान कार्तिक पूर्णिमा और चंद्र ग्रहण एक साथ पड़ रहा है। अब 14 जनवरी 2023 जनवरी में मकर संक्रांति पर सबसे बड़ा स्नान होगा जिसड़ीं लोग फिर से पवित्र स्नान के लिए आएगे। हरिद्वार में चंद्र ग्रहण शाम को 57 मिनट रहेगा। चंद्र ग्रहण की अवधि को छोड़कर बाकी पूरे दिन श्रद्धालु गंगा में डुबकी लगाकर पुण्य कमा सकते हैं। ग्रहण से नौ घंटे पूर्व सूतक लगने से पहले मंदिरों के कपाट को बंद कर दिया गया है।