कामकाजी महिलाओं के लिए प्रदेश हॉस्टल
ई-श्रम के पंजीकरण के मामले में उत्तराखंड, देश में तीसरे स्थान आया है। कुल रजिस्टर्ड श्रमिकों में लगभग 16.37 लाख महिलाएं है जो काम करती है। राज्य में कुल 3700 फैक्ट्रियों है जिसमे में सात प्रतिशत महिला काम करती है। सचिव ने सभी पुलिस अधीक्षकों की बैठक ली जिसमें बताया गया की प्रदेश में असंगठित क्षेत्र के 96 प्रतिशत श्रमिक, कामगार व नौकरीपेशा लोग ई-श्रम के तहत रजिस्टर्ड हो गए है। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी का कहना है की प्रदेश के दस पर्वतीय जिलों में काम कर रहीं महिलाओं के लिए जल्द ही वर्किंग हॉस्टल बनेंगे। उन्होंने कहा कि महिलाओं के लिए जितनी भी योजनाओं चल रही है उन सबकी मॉनिटरिंग की जाएगी। उन्हें नौकरी के लिए सुरक्षित माहौल दिया जाए। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने राज्य में कामकाजी महिलाओं का प्रतिशत बढ़ाने के लिए शासन और जिला प्रशासन को प्रो-एक्टिव मोड पर कार्य करने के लिए कहा है। उन्होंने कहना है की प्रदेश में महिला कार्यबल को बढ़ाने के लिए महिलाओं को सुरक्षित और सकारात्मक वातावरण देना प्रशासन की जिम्मेदारी है। केंद्र सरकार ने हर जिले में महिला वर्किंग हॉस्टल को बनाने के लिए 50-50 लाख की स्वीकृति दे दी है। पर्वतीय जिलों में जल्द वर्किंग हॉस्टलों बनाने का काम किया जाएगा। सभी जिलाधिकारी को सुनिश्चित हो की महिलाओं की शिकायतों को इंटरनल कंप्लेंट कमेटी जल्द उस पर काम करेगी। उसके साथ ही घरेलू हिंसा के मामलों में महिलाओं की शिकायतों को काउंसलिंग तक सीमित न रखकर साथ शारीरिक हिंसा के गंभीर मामलों को आईपीसी के तहत एफआईआर दर्ज करवा कर कार्रवाई के सख्त निर्देश दिए है।