आपदा में फंसे लोगों को राहत का इंतजार
टिहरी और देहरादून में काफी भारी बारिश करके कई क्षेत्र आपदाग्रस्त हो गए और क्षेत्रों में शवों की तलाश और लोगों का जरूरी सामान तक मिलना मुश्किल हो गया है। इतनी भारी बारिश के लगातार होने से काफी रास्ते टूट गए है जिनका मलबा लोगों के लिए हटाना मुश्किल हो गया है इसलिए मशीनों की मदद से मलबा हटाया जा रहा है लेकिन कई प्रभावित गांवों तक वह सहायता नहीं जा पारी उन गांवों मे बिना मशीनों के बोल्डरों को हटाना मुश्किल है। उन गांवों के लोग खुद ही मलबे मे दबे अपने परिजनों और घरों का सामान तलाश रहे है। कृषि मंत्री गणेश जोशी ने कहा है की अधिकारियों को प्रभावित लोगों को मदद पहुंचाने के निर्देश दे दिए गए है लेकिन अभी भी और तेरह लोग लापता है। जो मलबा सड़क पर आ गया है उसको हटाने के लिए तीन जेसीबी मशीनों को लगाया गया है लेकिन टिहरी तक इन मशीनों की मदद नहीं जा पारी । इस आपदा करके गांवों मे जरूरी चीजों की सप्लाई भी बंद हो गई लोग अपनी जान जोखिम में डाल कर सड़क बंद होने के बाद भी जरूरी चीजों को लेने के लिए किसी भी तरह करके मालदेवता जा रहे है ताकि जरूरत का सामान खरीद ले।
बांडल नदी में बाढ़ करके सब कुछ तहस नहस हो गया। आपदा की वजह से कई ऐसे पुल और सड़के टूट गई है जोकी काफी बड़ी आबादी को जोड़ते है मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को उन सड़कों को जल्द की दुरुस्त करने के लिए कहा। लोगों को अभी भी सरकारी मदद का इंतजार है ताकि वह किसी तरह अपने परिजनों को ढूंढ सके। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने इस पर नाराजगी जताते हुए बोला की देहरादून पास होने पर भी आपदा प्रबंधन का यह हाल तो दूरस्थ इलाकों की कल्पना करना कितना मुश्किल है। जो लोग बेघर हो गए है उनको मालदेवता स्कूल में रखा गया है। बेघर लोगों का कहना है की सरकार सुरक्षित इलाकों का इंतजाम करे। शुक्रवार के दिन भारी बारिश करके शनिवार को राज्य में 318 सड़कें बंद थी और रविवार को कम से कम 91 सड़के बंद थी। जिसके बाद कुल बंद सड़कों का आंकड़ा 400 पहुंच गया। लेकिन रविवार को विभाग की और से 136 सड़कों को खोल दिया गया जिससे की बंद सड़कों की संख्या 274 रह गई है। उपचार के लिए तक अस्पताल जाने को भी परेशानी उठानी पड़ रही है। जिले में इसके बाद भी बंद ग्रामीण सड़कों को खोलने के लिए गंभीरता से काम नहीं होने से लोगों में आक्रोश है। सरकार इनको ठीक करने के लिए कार्य पर लगी हुई है ताकि लोगों को जल्दी ही मदद मिल सके।