उत्तराखंड: जन मुद्दों के सहारे, विपक्ष की नैया लगेगी किनारे !

उत्तराखंड- उत्तराखंड कांग्रेस ने आज कानून व्यवस्था, आपदा में लापरवाही, पंचायत चुनाव में गड़बड़ी और अपहरण के आरोपों को लेकर देहरादून में राजभवन कूच किया। राजभवन कूच में प्रदेशभर से कांग्रेस कार्यकर्ता देहरादून पहुंचें। साथ ही कूच में पार्टी के सभी बड़े नेता शामिल हुए। प्रदेश कांग्रेस का कहना है कि राज्य में कानून का राज खत्म हो चुका है। बीजेपी नेताओं की वजह से लोग आत्महत्या करने के लिए मजबूर हो रहे है. अंकित भंडारी हत्याकांड से लेकर हरिद्वार में बीजेपी नेत्री ने जिस तरह खुद की मासूम बेटी को दुष्कर्म के लिए सौंपा दिया, यह बताता है कि राज्य में कानून व्यवस्था नहीं बची है। यह पंचायत चुनाव में बेतालघाट में हुई गोलाबारी और नैनीताल में निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के अपहरण से भी साफ हो चुका है। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री के भांजे के साथ 18 करोड़ की ठगी और पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत के डीजीपी को लिखे पत्र पर भी बीजेपी और सरकार को घेरते हुए कहा कि यह समय सड़कों पर उतरने का है। उन्होंने आपदा प्रभावितों की मदद में लापरवाही का आरोप भी लगाया। कहा कि ध्वस्त सड़कें अभी तक खुल नहीं पाई हैं. लोगों को जरूरी सामान नहीं मिल पा रहा है। वोट चोरी से लेकर कानून व्यवस्था और आपदा में कुप्रबंधन के खिलाफ कांग्रेस ने राजभवन कुछ किया। कूच में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करण माहरा, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, पूर्व अध्यक्ष प्रीतम सिंह, पूर्व अध्यक्ष गणेश गोदियाल समेत सभी बड़े नेता शामिल रहे। वही बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस अपने समय की सरकार में बताए. कितनो को जेल में भेजा। धामी सरकार अपराध पर कठोर निर्णय के साथ काम कर रही है।

उत्तराखण्ड की प्रदेश कांग्रेस ने राज्य की बिगड़ती कानून-व्यवस्था, आपदा प्रभावित क्षेत्रों की अनदेखी और पंचायत चुनावों में कथित वोट चोरी जैसे मुद्दों को लेकर सरकार के खिलाफ बड़ा आंदोलन छेड़ने का ऐलान किया है। इसी कड़ी में आज कांग्रेस पार्टी ने राजभवन कूच किया। कांग्रेस के उपनेता प्रतिपक्ष भुवनचंद कापड़ी ने कहा कि बीजेपी शासन में प्रदेश पूरी तरह अराजकता की चपेट में आ चुका है और कानून का राज नाममात्र का रह गया है।


पंचायत चुनाव के बाद से ही कांग्रेस बीजेपी पर हमलावर हो गई है और विधानसभा सत्र से लेकर सड़कों तक बीजेपी को घेरने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि बीजेपी के संरक्षण में आपराधिक तत्व खुलेआम वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। महिलाओं और बच्चों के खिलाफ बढ़ते अपराधों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि अंकिता भंडारी हत्याकांड से लेकर हाल ही में हरिद्वार की नाबालिग बच्ची से दुष्कर्म जैसी घटनाओं में बीजेपी नेताओं के नाम सामने आ रहे है. लेकिन सरकार और संगठन सिर्फ दिखावटी कार्रवाई तक ही सीमित रह गई है। उनका कहना है कि बीजेपी तंत्र महज दो लाइन का निष्कासन पत्र जारी करके अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लेता है। उन्होंने पौड़ी जिले में हुए जितेंद्र सिंह आत्महत्या प्रकरण का जिक्र करते हुए कहा कि इसमें जिन नामों का खुलासा हुआ. वे बीजेपी नेताओं के संरक्षण में लंबे समय से सक्रिय हैं। इतना ही नहीं. प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के भांजे के साथ करोड़ों की ठगी करने का मामला भी उजागर हो गया है. जिसमें पीड़ित ने वीडियो जारी कर आत्महत्या की धमकी तक दे दी। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि जब खुद बीजेपी के बड़े नेता अपने परिजनों को न्याय दिलाने के लिए पुलिस और प्रशासन से गुहार लगाने को मजबूर हों. तो आम लोगों की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है। कांग्रेस ने पंचायत चुनाव का भी मुद्दा उठाते हुए कहा कि नैनीताल और बेतालघाट जैसे क्षेत्रों में पुलिस की मौजूदगी में अपहरण और फायरिंग जैसी घटनाएं हुईं। खुलेआम हथियार लहराकर लोकतांत्रिक का मजाक उड़ाया गया। आपदा प्रबंधन पर सरकार की नाकामी को उजागर करते हुए कहा कि आज पूरा उत्तराखण्ड आपदा से ग्रस्त है। उत्तरकाशी के धराली और हर्षिल समेत कई क्षेत्रों में तबाही मची हुई है. लेकिन सरकार अब तक नुकसान का सही आंकड़ा तक जारी नहीं कर पाई है। चारधाम यात्रा मार्ग, राष्ट्रीय राजमार्ग और राज्य मार्ग बुरी तरह क्षतिग्रस्त हैं।

वही बीजेपी के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने भी राज्य की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े करते हुए बडा बयान दिया है. जिसमे त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा हमारा राज्य ईमानदारी के लिये जाना जाता है पर वर्तमान में जो कानून व्यवस्था के साथ कुछ लोगो द्वारा खिलवाड़ किया जा रहा है इससे राज्य की छवि खराब हो रही है। इसके साथ ही त्रिवेन्द्र ने कहा तीरथ सिंह रावत पार्टी के बड़े नेता है वो विधान परिषद के सदस्य रहे है मंत्री रहे है पूर्व मुख्यमंत्री रहे है. उनके भांजे के साथ धोखाधड़ी हुई है. जिसका अधिकारियों ने गम्भीरता से नही लिया. यह बड़ा विषय है वो मेरा भी भांजा है उसको जिस तरह से अधिकारियों ने पिछले 8 महीने से गुमराह किया उनपर सरकार को तत्काल कार्यवाई करनी चाहिए।

लगातार प्रदेश में कांग्रेस को मिली चुनावी हार के साथ-साथ भाजपा को मिली बड़ी विजय के चलते कहीं ना कहीं विपक्ष का एक जुट ना होना भी प्रदेश के लिए हानिकारक रहा है. जिस वजह से जनता की आवाज सरकार के कानों में न जाना भी विपक्ष की हार का नतीजा हैं. लेकिन अब तक के रहे चुनाव में कांग्रेस को मिली हार के बाद कांग्रेस आगामी 2027 के चुनाव को लेकर अपनी रणनीति और कदम मजबूत करने का प्रयास कर रही है. यही वजह है कि कांग्रेस ने अब जन मुद्दों से लेकर जुबानी जंग और भाजपा के कार्यकाल में हुए घोटाले को लेकर मोर्चा खोल दिया है ताकि आने वाले समय पर कांग्रेस अपनी जमीन तैयार कर सके।