उत्तराखंड- उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव से पहले यूसीसी पर रार एक बार फिर छिड़ गई है। दअरसल, धामी सरकार यूसीसी को राज्य में लागू कराने की तैयारी में है.।माना जा रहा है कि जल्द ही राज्य में (यूसीसी) को लागू किया जाएगा। खबर है कि सीएम धामी को यूसीसी का ड्राफ्ट भी मिल चुका है। धामी सरकार इस माह के अंत तक प्रस्तावित विधानसभा सत्र के दौरान समान नागरिक संहिता को कानून का दर्जा दे सकती है। सीएम धामी पहले ही विधानसभा का विशेष सत्र जल्द आयोजित होने के संकेत भी दे चुके हैं। वहीं यूसीसी लागू होने से पहले ही राज्य में यूसीसी पर बयानबाजी शुरू हो गई है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा का कहना है कि सरकार को यूसीसी के ड्राफ्ट को सार्वजनिक कर जनता को बताना चाहिए। इसके साथ ही सभी विधायकों को ये ड्राफ्ट समय से मिले ताकी सत्र के दौरान इसकी कमियों को उठाया जा सके। वहीं बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कांग्रेस के सवालों पर पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस का काम सिर्फ सवाल उठाना है। सरकार जल्द ही राज्य में यूसीसी को लागू करेगी और ये राज्य पहला देश का राज्य होगा जहां यूसीसी लागू होगा। आपको बता दें कि धामी सरकार ने मई 2022 में उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट तय करने के लिए सुप्रीम कोर्ट की रिटायर्ड जज जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया था।समिति की ओर से ड्राफ्ट सरकार को सौंपा जा चुका है ऐसे में अब गेंद सीएम धामी के हाथों में कि वो यूसीसी पर क्या एक्शन लेते हैं।
देश के पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनाव और 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले धामी सरकार उत्तराखंड को देश का पहला राज्य बनाने जा रही है जहां यूसीसी लागू होगा। सरकार का दावा है कि जनता से किया हुआ वादा वो निभाएगी और राज्य में यूसीसी लागू होगा। माना जा रहा है कि जल्द ही राज्य में (यूसीसी) को लागू किया जाएगा। खबर है कि सीएम धामी को यूसीसी का ड्राफ्ट भी मिल चुका है। धामी सरकार इस माह के अंत तक प्रस्तावित विधानसभा सत्र के दौरान समान नागरिक संहिता को कानून का दर्जा दे सकती है। आपको बता दें कि धामी सरकार ने मई 2022 में उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट तय करने के लिए सुप्रीम कोर्ट की रिटायर्ड जज जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया था। वहीं आम जनता की यूसीसी पर क्या कुछ राय है पहले उसे सुनते हैं।
वहीं यूसीसी लागू होने से पहले ही राज्य में यूसीसी पर बयानबाजी शुरू हो गई है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा का कहना है कि सरकार को यूसीसी के ड्राफ्ट को सार्वजनिक कर जनता को बताना चाहिए। इसके साथ ही सभी विधायकों को ये ड्राफ्ट समय से मिले ताकी सत्र के दौरान इसकी कमियों को उठाया जा सके। इतना ही नहीं कांग्रेस ने सरकार को सुझाव दिया है कि यदि यूसीसी देश के लिए इतना ही जरूरी है तो फिर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी केंद्र सरकार के जरिए देशभर में इसे लागू कराये।वहीं बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कांग्रेस के सवालों पर पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस का काम सिर्फ सवाल उठाना है।सरकार जल्द ही राज्य में यूसीसी को लागू करेगी और ये राज्य पहला देश का राज्य होगा जहां यूसीसी लागू होगा। वहीं आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता जोत सिंह बिष्ट का कहना है कि देश में कई जाति धर्मों के लोग रहते हैं।सभी के अपने अपने रीति रिवाज है ऐसे में सरकार के सामने यूसीसी को लागू कराना कठिन चुनौती है।
कुल मिलाकर उत्तराखंड में यूसीसी पर सियासी बवाल छिड़ गया है। सरकार से लेकर संगठन तक इसे जल्द से जल्द लागू करने का दावा कर रहे हैं तो दूसरी ओर विपक्ष ने यूसीसी पर सरकार की मंशा पर सवाल उठाया है साथ ही यूसीसी में सरकार क्या कुछ करने जा रही है। इस पर अभी सस्पेंस बरकरार है सवाल ये है कि क्या देश के पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनाव और 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले धामी सरकार उत्तराखंड में यूसीसी को लागू करेगी।
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