उत्तराखंड: यात्रा रही छूट, व्यापारी रहे टूट !

उत्तराखंड- उत्तराखंड में मानसून की भारी बारिश आफत की बारिश बनती जा रही है। प्रदेशभर में भारी बारिश की वजह से 200 से अधिक सड़कें अवरूद्ध चल रही है। इस बीच बद्रीनाथ नेशनल हाईवे पर भारी मलवा आने के कारण हाईवे बाधित हो गया है। बदरीनाथ नेशनल हाईवे बंद होने से जोशीमठ और आसपास के इलाके में दो हजार से अधिक तीर्थयात्री पिछले कई घंटे तक फंसे हुए हैं। हांलाकि इस बीच पैदल मार्ग से लोगों को बाहर निकाला जा रहा है। साथ ही मार्ग को सुचारू करने की भी कोशिशें की जा रही है। इस बीच मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में भी भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग की इस चेतावनी ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है। राज्य सरकार ने तीर्थयात्रियों से मौसम की जानकारी लेकर और पूरी तैयारी के साथ आने का अनुरोध किया है। इस बीच होटल कारोबारियों ने राज्य सरकार से चारधाम यात्रा के लिए पंजीकरण की अनिवार्यता को समाप्त करने की मांग की है। होटल कारोबारियों का कहना है कि श्रद्धालुओं की संख्या में काफी गिरावट आ गई है। यात्रा से जुड़े कारोबारियों को आर्थिक नुकसान हो रहा है। ऐसे में सरकार को पंजीकरण की अनिवार्यता को समाप्त कर देना चाहिए। वहीं चारधाम यात्रा के बीच कांवड़ यात्रा की भी इसी महीने से शुरूआत होने जा रही है। इस यात्रा में भी करोड़ों भोले के भक्त आएंगे। कांग्रेस का आरोप है कि सरकार ने चारधाम यात्रा के साथ ही कांवड़ यात्रा के लिए कोई तैयारी नहीं की है। जिससे लोगों को काफी परेशानी हो रही है। सवाल ये है कि क्या राज्य सरकार भारी बारिश के बीच चारधाम यात्रा और कांवड़ यात्रा का सकुशल संचालकन कर पाएगी।

उत्तराखंड सरकार के लिए भारी बारिश के बीच धार्मिक यात्राओं का संचालन करना बेहद चुनौतीपूर्ण हो गया है। प्रदेशभर में भारी बारिश की वजह से 200 से अधिक सड़कें अवरूद्ध चल रही है। इस बीच बद्रीनाथ नेशनल हाईवे पर भारी मलवा आने के कारण हाईवे भी बाधित हो गया है। बारिश की वजह से चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की भारी कमी देखने को मिल रही है। आपको बता दें कि अब तक 30 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने चारधाम यात्रा के दर्शन किये हैं। इस बीच 22 जुलाई से कांवड़ यात्रा का आगाज होने जा रहा है। इस कांवड़ यात्रा में करोड़ों शिव के भक्तों के आने की उम्मीद है। वहीं विपक्ष का आरोप है कि धामी सरकार हर मोर्चे पर विफल है। सरकार ने कांवड़ यात्रा के लिए भी कोई तैयारी नहीं की है। वहीं सरकार का दावा है कि सभी तैयारियां पूरी है। विपक्ष बेवुनियाद आरोप लगा रहा है

कुल मिलाकर प्रदेशभर में हो रही भारी बारिश ने जन जीवन अस्त व्यवस्त कर दिया है। इस बीच राज्य सरकार के लिए चारधाम यात्रा का संचालन करना बेहद चुनौतिपूर्ण हो गया है। जगह जगह मार्ग बंद होने से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं चारधाम यात्रा पर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ रहा है ऐसे में सवाल ये है कि आखिर धामी सरकार कैसे चारधाम यात्रा के बीच कांवड़ यात्रा का संचालन कर पाएगी। क्या धामी सरकार चारधाम यात्रा के लिए पंजीकरण की अनिवार्यता को खत्म करेगी या नहीं?

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