उत्तराखंड- उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग यानी UKSSSC की भर्ती परीक्षा के दौरान नकल और पेपरलीक जैसे मामलों में अंकुश नहीं लग पा रहा है। हालांकि वर्ष 2022-23 के बाद आयोग ने करीब 16 परीक्षाओं को सफलता से संचालित किया. लेकिन बीते रविवार को स्नातक स्तरीय 416 पदों के लिए ली गई भर्ती परीक्षा में एक बार फिर पेपरलीक का मामला सामने आने से आयोग के सुरक्षा मानकाें पर सवाल खड़े कर दिए हैं। आने वाले आठ महीनों में आयोग को 13 विभिन्न विभागों के रिक्त 1260 पदों की भर्ती परीक्षा एक बड़ी चुनौती होगी। जिसमें 28 अक्टूबर को वन दारोगा के 124 पदों के लिए भर्ती परीक्षा बड़ी है, जिसमें 30 हजार से अधिक अभ्यर्थियों के शामिल होने की संभावना है। इससे पहले पांच अक्टूबर को सहकारी निरीक्षक वर्ग-दो/ सहायक विकास अधिकारी एवं 12 अक्टूबर को प्राविधिक सहायक वर्ग-एक की भर्ती परीक्षा होनी है। आयोग परीक्षा के लिए कड़े सुरक्षा मानक बनाने की तैयारी में UKSSSC स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा के दौरान सुरक्षा मामलों की समीक्षा कर रहा है। इस बात पर विशेष जोर दिया जा रहा है कि सुरक्षा में कहां चूक हुई है. इसे देखते हुए आयोग हर केंद्र पर सुरक्षा के तीन स्तरीय मानक बनने की तैयारी कर रहा है। जिसमें पुलिस, आयोग के अधिकारी एवं अत्याधुनिक सुरक्षा उपकरण शामिल है. जिसको लेकर आयोग जल्द बैठक करेगा. जिसमे आगे कड़े सुरक्षा मानकों को तय किया जाएगा, कड़े मानक क्या होंगे यह प्रस्ताव बैठक में आयोग के चेयरमैन के अध्यक्षता में होने वाली बैठक में रखा जाएगा। इतना तो माना जा रहा है कि आने वाले समय मे सुरक्षा मानक और कड़े होंगे। वही विपक्ष का कहना है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा प्रदेश में सख्त नकल विरोधी कानून लागू करने के बाद पेपर लीक व भ्रष्टाचार हो रहा है तो ये प्रदेश के लिए बहुत शर्मनाक है।
आपको बता दें कि उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सख्त नकल विरोधी कानून के तहत बीते दिन उत्तराखण्ड पुलिस और एसटीएफ ने बड़ी कार्रवाई करते हुए नकल माफिया हाकम सिंह और उसके सहयोगी पंकज गौड़ सहित चार लोगों को हिरासत में ले लिया गया है। जिनमे दो लोगो पर अभ्यर्थियों को परीक्षा में पास कराने का झांसा देकर लाखों रुपये की मांग करने का आरोप है। पुलिस के अनुसार आरोपी अभ्यर्थियों को उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की परीक्षा में सफलता दिलाने का प्रलोभन देकर 12 से 15 लाख रुपये तक की मांग कर रहे थे। योजना यह थी कि यदि परीक्षार्थी खुद चयनित हो जाते तो आरोपी रकम हड़प लेते और असफल होने की स्थिति में भविष्य की परीक्षाओं में पैसे एडजस्ट करने का बहाना बनाकर अभ्यर्थियों को अपने झांसे में रख लेते थे। देहरादून पुलिस और एसटीएफ ने संयुक्त रूप से संदिग्ध व्यक्तियों पर नजर रखी और इसी दौरान सूचना मिली कि परीक्षा में धोखा धड़ी करने के लिए गिरोह सक्रिय है। जांच में सामने आया कि पंकज गौड़, हाकम सिंह के संपर्क में है और अभ्यर्थियों से पैसे की मांग कर रहा है। इस आधार पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने दोनों आरोपियों को पटेल नगर क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया। एसटीएफ एसएसपी नवनीत सिंह भुल्लर ने देहरादून पुलिस द्वारा UKSSSC स्नातक स्तरीय परीक्षा में नकल गिरोह के सरगना हाकम सिंह और उसके साथी को गिरफ्तार किए जाने पर कहा मुख्यमंत्री द्वारा सख्त नकल विरोधी कानून पारित करने के बाद से एसटीएफ जिला पुलिस और साइबर पुलिस हर परीक्षा से पहले लगातार निगरानी कर रही है। दो दिन पहले जानकारी मिली थी कि कुछ व्यक्तियों ने कुछ अभ्यर्थियों से संपर्क कर उन्हें कुछ पैसे के बदले परीक्षा में पास कराने का प्रलोभन दिया था।साथ ही आपको बता दे, कल देर रात हरिद्वार हाईवे पर भी जम कर पुलिस के बीच बवाल हुआ आरोप है की सरकार बाहर से ला रही स्कूली छात्रों से पेपर लीक और परीक्षा को निरस्त ना करने के नारे इन छात्रों से लगवा रही है इसी के विरोध में देर रात छात्रों की बसों को रोक बेरोजगार संघ के लोगो ने बवाल भी किया है. UKSSSC में पेपर लीक को लेकर विपक्ष व उत्तराखण्ड बेरोज़गार संघ पिछले तीन दिनों से धरना-प्रदर्शन कर सरकार पर लगातार हमलावर है।
वहीं मौके की नजाकत को देखते हुए एसटीएफ उन सभी आरोपियों के ठिकानों की जांच कर रही है जो पूर्व में ऐसे मामलों में प्रकाश में आए थे या जेल गए थे और उनसे कई जिलों में पूछताछ भी की जा रही है. जिसके चलते हरिद्वार और देहरादून पुलिस को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। लंबे समय से फरार चल रहे UKSSSC पेपर लीक मामले के मुख्य आरोपी खालिद को आखिरकार पुलिस ने हरिद्वार से दबोच लिया है। गिरफ्तारी के बाद खालिद को हरिद्वार लाया गया जहां देहरादून एसएसपी अजय सिंह, हरिद्वार एसएसपी प्रमेंद्र सिंह डोभाल और जांच टीम ने उससे लंबी पूछताछ की। आरोपी को बाद में देहरादून पुलिस के सुपुर्द कर दिया गया. जहां उससे गहन पूछताछ जारी है। पुलिस का कहना है कि शुरुआती जांच में यह कोई संगठित गैंग नहीं बल्कि कुछ व्यक्तियों का व्यक्तिगत खेल था. जिन्होंने मिलकर प्रश्नपत्र लीक किया। हालांकि पुलिस का दावा है कि अब इस पूरे मामले की तह तक जाकर हर साजिशकर्ता को बेनकाब किया जाएगा।
आपको बता दें कल बेरोजगार संघ के डेलिगेशन ने मुख्यमंत्री पुष्कर धामी से मिलकर युवाओं की तमाम मांगों को उनके समक्ष रखा. डेलिगेशन में प्रमुख रूप से पेपर लीक मामले की सीबीआई जांच कराने और परीक्षा को तत्काल निरस्त कर दोबारे से करवाने की मांग रखी गई. इसके अलावा जिस महिला पर जोर जबरदस्ती मुकदमा दर्ज किया है, उस मुकदमे को वापस लिए जाने की भी मांग रखी गई है. साथ ही सीएम धामी से भर्ती परीक्षाओं में पारदर्शिता बरते जाने का भी आग्रह किया गया है. इसको लेकर युवाओं ने कुछ मांगों के लिए दिन का समय और कुछ मांगों के लिए रात तक का समय दिया था, लेकिन उनकी मांगों की दिशा में कोई बात बनती दिखाई नहीं दे रही है. इसलिए आज तीसरे दिन भी आंदोलन को जारी रखने का निर्णय लिया है. बेरोजगार संघ की चेतावनी है जब तक मांगे पूरी नहीं होती। तब तक बेरोजगार युवा सड़क पर इसी तरह धरने पर बैठे रहेंगे।