उत्तराखंड- उत्तराखंड एक धार्मिक और शांतिप्रिय प्रदेश है लेकिन बीते कुछ समय से यहां ड्रग माफिया की निगाहें पड़ने से यहां का माहौल बिगड़ने लगा है। युवा लगातार नशे की लत में पड़ते जा रहे हैं। इसको लेकर सरकार भी गंभीर है। हालांकि इसको लेकर अभियान भी चलाया जा रहा है लेकिन सरकार अब नशे और इसके सौदागारों पर शिकंजा तेज करना चाहती है। जिसको लेकर अब जल्द ही एक्ट प्रदेश में लागू हो सकता है। इस एक्ट के तहत प्रदेश में चल रहे नशामुक्ति केन्द्रों पर भी मजबूत पकड़ बनायी जाएगी क्योंकि नशामुक्ति केन्द्रों की कार्यशैली पर समय समय पर सवाल उठते रहे हैं।
राज्य मेंटल हेल्थ केयर अथॉरिटी पर पंजीकरण करना होगा अनिवार्य
राज्य में बढ़ रहे नशे पर रोक लगाने को लेकर सरकार अब सख्त कदम उठा रही है। जिसके तहत राज्य में मेंटल हेल्थ केयर एक्ट को लागू किया जाएगा। केन्द्र से अनुमति के बाद अब राज्य सरकार इसके प्रारूप को अंतिम रूप देने में लगी है। इसके तहत प्रदेश में संचालित हो रहे नशामुक्ति केन्द्रों पर भी निगाह रखी जाएगी। जिसके तहत इनके राज्य मेंटल केयर हेल्थ अथॉरिटी में पंजीकरण को अनिवार्य किया जायेगा। साथ ही नियमों का उल्लंघन करने पर जुर्माना भी लगाया जाएगा। जिसमें 50 हजार से लेकर दो लाख तक का दंड का जुर्माना वसूला जायेगा। आपको बता दें कि अभी तक प्रदेश में संचालित होने वाले नशा मुक्ति केन्द्रों के लिए कोई व्यापक तय नियम नहीं हैं। केवल जिलों के जिलाधिकारी के द्वारा तय गाइडलाइन पर इन्हें संचालित किया जाता है।