उत्तराखंड- उत्तराखंड में अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की परीक्षा में सामने आई धांधली की जांच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एसआईटी गठित करके कराने के आदेश दे दिए है। यह जांच अब हाईकोर्ट के रिटायर जज के देखरेख में कराई जाएगी। मुख्य सचिव आनंद वर्धन ने बुधवार को मीडिया कर्मियों से बातचीत में कहा कि राज्य सरकार के लिए परीक्षा प्रणाली की पारदर्शिता और सुचिता के साथ ही अभ्यर्थियों का हित सर्वोपरि है। बीते रविवार को कराई गई परीक्षा में सामने आई शिकायतों की जांच एडिशनल एसपी स्तर के अधिकारी की अध्यक्षता में गठित एसआईटी द्वारा कराई जाएगी। उस एसआईटी का कार्यक्षेत्र पूरा प्रदेश होगा। मुख्य सचिव ने कहा कि जांच निष्पक्ष ढंग से हो इसके लिए एसआईटी जांच की निगरानी हाईकोर्ट के रिटायर जज के द्वारा की जाएगी। वही उत्तराखण्ड बेरोज़गार संघ की मांग है कि सरकार बीते रविवार को कराई गई परीक्षा रद्द की जाए. और इसी महीने उस परीक्षा को दोबारा कराया जाए. Uksssc पेपर लीक की जांच सीबीआई से कराई जाए। जब तक सरकार मांगे नहीं मानती तब तक बेरोजगारों का प्रदर्शन जारी रहेगा।
उत्तराखंड की धामी सरकार ने पेपर लीक मामले की जांच के लिए एक से रिटायर जज की निगरानी में एक नई एसआईटी गठित करने का फैसला लिया है। uksssc पेपर लीक मामले ने युवाओं को सरकार के खिलाफ सड़कों पर आने पर मजबूर कर दिया था। मुख्य सचिव आनंद वर्धन ने बताया कि सरकार ने 21 सितंबर को उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की परीक्षा के प्रश्न पत्र के एक हिस्से के लीक होने की जांच के लिए एक एसआईटी गठित करने का फैसला किया है। मुख्य सचिव आनंद वर्धन ने मीडिया कर्मियों से बातचीत में कहा कि राज्य सरकार के लिए परीक्षा प्रणाली की पारदर्शिता और सुचिता के साथ ही अभ्यर्थियों का हित सर्वोपरी है। इसी क्रम में बीते रविवार को कराई गई परीक्षा में सामने आई शिकायतों की जांच एडिशनल एसपी स्तर के अधिकारी की अध्यक्षता में गठित एसआईटी द्वारा कराई जाएगी। एसआईटी का कार्यक्षेत्र पूरा प्रदेश होगा। मुख्य सचिव ने कहा कि जांच निष्पक्ष ढंग से हो इसके लिए यह भी एसआईटी जांच की निगरानी हाई कोर्ट के रिटायर जज के द्वारा की जाएगी। रिटायर जज और एसआईटी सभी जिलों में जाएंगे। इस दौरान कोई भी व्यक्ति उन तक परीक्षा से संबंधित तथ्य और सूचना दे सकता है। उन्होंने बताया कि जांच एक माह में सम्पन्न की जाएगी। तब तक के लिए उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की ओर से परीक्षा के संबंध में आगे कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी. एसआईटी जांच में दोषी व्यक्ति के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। साथ ही भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हो इसके लिए भी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि सरकार के लिए छात्रों का हित सबसे ऊपर है। साथ ही यह भी उतना ही महत्वपूर्ण है कि छात्रों और आमजन का परीक्षा प्रणाली पर भरोसा बना रहे। वही दूसरी ओर उत्तराखण्ड बेरोज़गार संघ का धरना-प्रदर्शन लगातार जारी है. उनकी मांग है कि सरकार बीते रविवार को कराई गई परीक्षा रद्द की जाए. और इसी महीने उस परीक्षा को दोबारा कराया जाए. परीक्षा पेपर लीक की जांच सीबीआई से कराई जाए।
वही मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने प्रदेश में बीते रविवार को संपन्न हुए uksssc परीक्षा के पेपर लीक की जांच हाईकोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में सीबीआई से कराने की मांग की है. प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष संगठन सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि परीक्षा के ठीक एक दिन पहले राज्य के नकल माफिया सरगना की नाटकीय गिरफ्तारी फिर रविवार को पेपर के दौरान ही आधे घंटे में पेपर का बाहर आ जाना और फिर पेपर के प्रश्नों के हल के साथ सोशल मीडिया में वायरल हो जाना और फिर इस बात का खुलासा सबसे चौंकाने वाला है कि परीक्षा केंद्रों में लगे जैमर फोर जी के थे जबकि आज मोबाइल फोन पर फाइव जी काम कर रहा है तो कैसे फोर जी फाइव जी को इंटरसेप्ट कर सकता है और यह पूरे मामले को और ज्यादा संदिग्ध बना रहा है. इसलिए अब इस पूरे पेपर लीक प्रकरण की हाईकोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में सीबीआई जांच होनी चाहिए। धस्माना ने कहा कि यूके ट्रिपल एससी अध्यक्ष का यह बयान कि प्रश्न पत्र के तीन पन्ने बाहर तो आए लेकिन इसको पेपर लीक नहीं कह सकते ये अफसोसनाक बयान है और उनको अब पद पर बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है इसलिए वे स्वयं त्यागपत्र दे दें या राज्य सरकार उनको तत्काल बर्खास्त करे। धस्माना ने कहा कि प्रदेश के बेरोजगारों के साथ राज्य की सरकार पिछले साढ़े आठ सालों से धोखा कर रही है. उन्होंने कहा कि सभी विभागों में भर्तियां बंद हैं और कुछ विभागों में भर्ती की परीक्षा होती भी है तो उसके पेपर लीक हो जाते हैं जिससे सालों से पेपर की तैयारी कर रहे युवाओं में घोर निराशा व्याप्त हो जाती है। धस्माना ने कहा कि कांग्रेस पार्टी किसी भी सूरत में प्रदेश के युवाओं की इस बद हाली को अब बर्दाश्त करने को तैयार नहीं है और अब पार्टी ने इस मुद्दे पर सरकार से हर मोर्चे पर लड़ने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि जब तक इस मामले की जांच सीबीआई से करवाने के आदेश नहीं किए जाते कांग्रेस के प्रदर्शन जारी रहेंगे।
धामी सरकार ने जांच के आदेश सख्ती के साथ दे दिए है. साथ ही आदेश में यह स्पष्ट किया गया है. कि जिस तरह से पेपर परीक्षा केंद्र से बाहर गया उससे साफ है कि परियोजना निदेशक अपनी जिम्मेदारी निभाने में कामयाब नहीं रहे. उनकी संवेदनशीलता इसमें नहीं दिखाई दी. ऐसे में पेपर लीक मामले में उनकी प्रथम दृष्टया लापरवाही दिखाई देती है. जिसके चलते उन्हें निलंबित किया जाता है.उत्तराखंड में अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने 21 सितंबर को स्नातक स्तरीय विभिन्न रिक्त पदों के लिए परीक्षा आहूत की थी. जिसमें परीक्षा केंद्र से पेपर शुरू होने के आधे घंटे में ही प्रश्न पत्र के तीन पेज केंद्र से बाहर आ गए थे. इस मामले में सरकार ने SIT का भी गठन कर दिया है.परीक्षा केंद्र से इन तीन पेज को बाहर भेजने वाले खालिद की भी गिरफ्तारी की जा चुकी है.लेकिन बेरोजगार संघ सरकार से परीक्षा निरस्त और सीबीआई की जांच कर रहा है अब देखना होगा सरकार निष्पक्ष जांच के साथ बेरोजगारों का ये प्रदर्शन रोकने में कितनी कामयाब साबित होगी।