KNEWS DESK- मानसून की भारी बारिश ने देवभूमि उत्तराखंड में आम जन जीवन को बुरी तरह से अस्त व्यस्त कर दिया है। पूरे प्रदेशभर में हो रही प्रलय की इस बारिश ने राज्य को काफी नुकसान पहुंचा दिया है। भारी बारिश की वजह से एक ओर जहां राज्य की ढाई सौ से ज्यादा सड़कें प्रभावित चल रही हैं तो वहीं दूसरी ओर टिहरी के घनसाली में देर रात को घर में सो रही मां और बेटी की भूस्खलन के मलबे में दबकर मौत हो गई।
वहीं टिहरी गढ़वाल में ही भूस्खलन की चपेट में आने से तिनगढ़ गांव को प्रशासन ने खाली करा दिया है। गांव में 50 परिवारों को राहत शिविर में शिफ्ट कर दिया गया है। वहीं सीएम पुष्कर सिंह धामी ने टिहरी जिलाधिकारी को प्रभावितों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने आपदा प्रभावितों से भी मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने सरकार से प्रभावितों के विस्थापन किये जाने और प्रभावितों को जल्द से जल्द मुआवजा दिये जाने की मांग की है। कांग्रेस का आरोप है कि सरकार ने समय रहते आपदा से निपटने के लिए कोई तैयारी नहीं की, जिससे जान-माल का काफी नुकसान हुआ है। वहीं कांग्रेस ने मोदी सरकार पर राज्य की उपेक्षा का भी आरोप लगाया है। कांग्रेस का कहना है कि केंद्र ने अबतक राज्य को आपदा प्रबंधन के लिए कोई आर्थिक मदद नहीं दी है। जिससे आपदा प्रभावितों तक सरकारी मदद नहीं पहुंच रही है।
उत्तराखंड में देवीय आपदा पर सियासत गरमा गई है| दअरसल, कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना का कहना है कि मोदी सरकार ने राज्य की अपेक्षा की है| आपदा प्रबंधन के लिए राज्य को कोई आर्थिक मदद नहीं दी गई है| उन्होंने राज्य के सभी सांसदों और राज्य के मुख्यमंत्री को भी चुनौती देते हुए कहा कि केंद्र को आपदा प्रबंधन को लेकर किसी ने कोई प्रस्ताव भेजा होतो सार्वजनिक करें। वहीं कांग्रेस ने राहत शिविरों में रह रहे लोगों की फोटो और वीडियो वायरल करने पर भी सवाल खड़े किये हैं। इस बीच मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में भी भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है|
कुल मिलाकर उत्तराखंड में हो रही मानसून की भारी बारिश ने जान-माल का काफी नुकसान किया है| वहीं गंगा, भागीरथी समेत सभी नदियां उफान पर हैं| साथ ही तमाम घाट जलमग्न हो गये हैं| मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में भी भारी बारिश की चेतावनी जारी की है| ऐसे में सरकार को चाहिए कि वह समय रहते उचित इंतजाम करे…ताकि नुकसान को कम किया जा सके|