उत्तराखंड- विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की भारी तादाद तीर्थस्थलों पर उमड़ रही है। भारी भीड़ के कारण तीर्थस्थलों पर लोगों को भी काफी परेशानी हो रही है। वहीं शासन प्रशासन के लिए भी सभी श्रद्धालुओं को दर्शन कराना बेहद चुनौतिपूर्ण हो गया है। सरकार का कहना है कि पिछले साल के मुकाबले इस साल चारधाम यात्रा में रिकॉर्ड श्रद्धालुओँ की भीड़ आ रही है। आलम ये है कि सरकार को रजिस्ट्रेशन बंद करने पड़ रहे हैं। आपको बता दें कि अबतक 26 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने रजिस्ट्रेशन कराया है। वहीं श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए राज्य सरकार ने ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन को 19 मई तक के लिए बंद कर दिया है। वहीं चारधाम यात्रा में उमड़ रही लोगों की बेतहाशा भीड़ को देखते हुए जिला प्रशासन ने विभिन्न स्थानों पर यात्रियों की गाड़ियों को रोका है। इससे यात्रियों को काफी परेशानी भी हो रही है। वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने चुनावी कार्यक्रमों को स्थगित करते हुए शासन के उच्च अधिकारियों की बैठक ली। बैठक में निर्णय लिया गया कि चारोंधामों में वीआईपी दर्शन पर 31 मई तक रोक रहेगी, इसके अलावा धामों में मंदिर परिसर के 50 मीटर के दायरे में मोबाइल फोन पर रोक के साथ ही बिना पंजीकरण के यात्रियों को चारधाम के दर्शन की अनुमति नहीं दी जाएगी। वहीं सप्ताह भर में ही चारधाम यात्रा में देखने को मिल रही अव्यवस्थाओं पर विपक्ष ने सरकार की घेराबंदी शुरू कर दी है। कांग्रेस का कहना है कि सरकार का ध्यान सिर्फ बयानबाजी में है, आधी अधूरी तैयारी के साथ सरकार ने चारधाम यात्रा की शुरूआत की है जिससे देश विदेश में उत्तराखंड की गलत छवि जा रही है। सवाल ये है कि क्या धामी सरकार अधूरी तैयारियों के साथ चारधाम यात्रा का संचालन कर रही है।
10 मई से शुरू हुई विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओँ का काफी उत्साह देखने को मिल रहा है। रोजाना हजारों की संख्या में श्रद्धालु चारोधामों के दर्शन कर रहे हैं। श्रद्धालुओँ की बढ़ती संख्या से सरकार की व्यवस्थाएँ लड़खड़ा गई है। जगह-जगह जाम और श्रद्धालुओँ को यात्रा मार्ग पर रोके जाने से लोगों में खासी नाराजगी देखने को मिल रही है। वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चारधाम यात्रा की व्यवस्थाओं के संबंध में शासन के उच्च अधिकारियों की बैठक ली। बैठक में मुख्यमंत्री ने सभी अधिकारियों को फिल्ड पर उतरकर व्यवस्थाओं को दुरूस्त करने,चारोंधामों में वीआईपी दर्शन पर 31 मई तक रोक लगाने, इसके अलावा धामों में मंदिर परिसर के 50 मीटर के दायरे में मोबाइल फोन पर रोक के साथ ही बिना पंजीकरण के यात्रियों को चारधाम के दर्शन की अनुमति नहीं देने के निर्देश दिए गये हैं।
वहीं सप्ताह भर में ही चारधाम यात्रा में देखने को मिल रही अव्यवस्थाओं पर विपक्ष ने सरकार की घेराबंदी तेज कर दी है। कांग्रेस का कहना है कि सरकार ने चारधाम यात्रा के लिए कोई तैयारी नहीं की है, आधी अधूरी तैयारी के साथ सरकार ने चारधाम यात्रा की शुरूआत की है। कांग्रेस का कहना है कि ना तो डाक्टरों की व्यवस्था, ना ही यात्रा मार्गों पर श्रद्धालुओं के लिए पानी और शौचालय आदि की कोई व्यवस्था की गई है। वहीं भाजपा ने कांग्रेस के आरोपों पर पलटवार करते हुए सभी इंतजाम पूरे होने का दावा किया है। साथ ही कांग्रेस से भी सहयोग की अपील की गई है।
कुल मिलाकर चारधाम यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं में काफी उत्साह देखने को मिल रहा है। हालांकि श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है। यही वजह है कि जगह जगह यात्रियों को रोके जाने के साथ ही रजिस्ट्रेशन बंद करने, वीआईपी दर्शन पर रोक लगाई गई है। सवाल ये है कि आखिर सरकार ने श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के हिसाब से उचित इंतजाम पहले क्यों नहीं किए, सवाल ये भी है कि यात्रा के कुछ ही दिनों में ये हाल है तो आगे कैसे व्यवस्थित चारधाम यात्रा सरकार चला पाएगी ये बड़ा सवाल है।