उत्तराखंड की भाजपा सरकार भ्रष्टाचार को लेकर एक बार फिर अपनी ही पार्टी के अन्दर से उठ रही आवाज़ से घिरती नजर आ रही है। बीजेपी के लैंसडौन विधायक महंत दिलीप रावत ने प्रदेश में फैले भ्रष्टाचार, प्रशासनिक अनियमितताओं और सरकार की विफलता को लेकर जिस प्रकार से सार्वजनिक रूप से सवाल उठाए हैं, वह बेहद गंभीर और चौंकाने वाले हैं। इस पूरे मामले पर मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा अब यह बात किसी विपक्ष के नेता ने नहीं की है। बीजेपी के अन्दर से ही अब आवाज़ उठने लगी है। जो इस बात का प्रमाण है कि धामी सरकार पूरी तरह से भ्रष्टाचार में लिप्त है और जनता से जुड़े मुद्दों पर असंवेदनशील हो चुकी है। कांग्रेस ने आगे कहा कि जब खुद सत्ताधारी दल के विधायक सरकार को सवालों के घेरे में खड़ा कर रहे हैं। तो यह साफ हो गया है कि प्रदेश का प्रशासन अब जनहित के लिए नहीं बल्कि सिर्फ अपने निजी हितों से संचालित हो रहा है। कांग्रेस पार्टी मांग करती है कि विधायक महंत दिलीप रावत द्वारा उठाए गए सभी सवालों की उच्चस्तरीय और निष्पक्ष जांच करवा कर सरकार को जनता के सामने अपना पक्ष रखना चाहिए क्योंकि उत्तराखंड की जनता हर चीज को देख रही है और समय आने पर इसका करारा जवाब देगी।
आपको बता दे उत्तराखण्ड के लैंसडाउन से बीजेपी विधायक दिलीप रावत ने अपनी ही सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा दिए हैं। दरअसल मामला upcl से जुड़ा हुआ है. विधायक दिलीप रावत ने upcl में हो रही अनियमितता, भ्रष्टाचार का जिक्र करते हुए शिकायत की है और पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की थी। बीजेपी विधायक का साफ आरोप है कि बीते दिनो उनकी विधानसभा क्षेत्र में एक विद्युत कर्मी की ऑन ड्यूटी करंट लगने से मौत हो गई थी। विधायक ने कहा कि इस समय यूपीसीएल में बहुत बड़ी लापरवाही सामने आ रही है। यूपीसीएल में टेंपरेरी एमडी, टेंपरेरी डायरेक्टर बने हुए हैं और पैसा लेकर इनको पोस्टें बांटी गई है और मेरे डिवीजन में जेई और एसडीओ पता नही कहां से आ गए हैं. जिसके चलते प्रॉपर कोई काम नहीं हो रहा है और मेरे कई बार एमडी से कहने के बावजूद भी उन्होंने कार्रवाई नहीं करी। विधायक ने कहा कि सेवा विस्तार के नाम पर अधिकारी मेवा खा रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की थी। वही बीजेपी के ही विधायक द्वारा भ्रष्टाचार पर उठाए गए सवाल पर प्रदेश की सियासत गरमा गई है।
वही पौड़ी जनपद के रिक़डीख़ाल ब्लॉक में बिजली की लाइन पर कार्य करते समय संविदा लाइनमैन की करंट लगने से मृत्यु को लेकर भाजपा विधायक महंत दिलीप रावत ने upcl पर गम्भीर आरोप लगाए थे। इस घटना को बड़ी तेजी से यू-टर्न आ गया है। बीजेपी विधायक महन्त दलीप रावत का दूसरा बयान सामने आया है। जिसमे वह मुख्यमंत्री के निर्देश पर त्वरित कार्यवाही होने की बात करते हुए दिखाई दे रहे है। उनका कहना है कि संबंधित उपखंड अधिकारी चंद्र मोहन, अवर अभियंता शुभम कुमार और अधिशासी अभियंता विनीत कुमार सक्सेना को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि मेरे छेत्र में बुजुर्ग व्यक्ति की करंट लगने से मृत्यु हो गई थी जो कि घोर लापरवाही थी। इसके बाद मैने मुख्यमंत्री से निवेदन किया था कि इन पर कठोर कार्यवाही की जाए और अब मुख्यमंत्री ने कठोर कार्यवाही करते हुए संदेश दिया है कि लापरवाह कर्मचारी बक्शे नहीं जाएंगे। मै अपनी ओर पीड़ित परिवार की और से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का धन्यवाद करता हूं।
सीएम धामी ने ये फैसला कार्यस्थलों पर सुरक्षा मानकों के पालन को सुनिश्चित करने और भविष्य में ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने की दृष्टि से लिया है. सीएम धामी ने स्पष्ट रूप से कहा है कि इस प्रकार की लापरवाही किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सीएम धामी ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि विद्युत कार्यों के दौरान सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए. यह सुनिश्चित किया जाए कि कार्यस्थल पर सभी जरूरी सुरक्षा उपकरणों की उपलब्धता हो. विशेष रूप से फायर या शॉर्प ऑब्जेक्ट्स जैसे जोखिमपूर्ण उपकरणों के उपयोग के समय संबंधित कर्मियों के पास हेलमेट, ग्लव्स, सेफ्टी बेल्ट, इन्सुलेटेड औजार जैसे सभी सुरक्षात्मक संसाधन मौजूद होने चाहिए।