Uttarakhand: नए साल में रफ्तार पकड़ेंगी किसाऊ–लखवाड़ परियोजनाएं, गृह मंत्रालय ने संभाली निगरानी

KNEWS DESK- उत्तराखंड की दो बहुप्रतीक्षित बहुद्देशीय परियोजनाओं किसाऊ और लखवाड़ को नए साल में नई दिशा मिलने जा रही है। इन परियोजनाओं को गति देने के लिए अब केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सीधे कमान संभाल ली है और दोनों को लेकर लगातार समीक्षा बैठकें की जा रही हैं।

यमुना नदी पर प्रस्तावित किसाऊ बहुद्देशीय जलविद्युत परियोजना की संशोधित विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) तैयार हो चुकी है। इस परियोजना की परिकल्पना पहली बार 1940 के दशक में की गई थी। वर्ष 1996 में पहली डीपीआर बनी, लेकिन पर्यावरणीय आपत्तियों सहित अन्य कारणों से योजना आगे नहीं बढ़ सकी। बाद में वर्ष 2008 में इसे राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा दिया गया। वर्ष 2021 में संशोधित डीपीआर तैयार करने का निर्णय लिया गया, जो अब पूरी हो चुकी है।

परियोजना की अनुमानित लागत करीब 15 हजार करोड़ रुपये है। गुरुवार देर शाम केंद्रीय गृह मंत्रालय के सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में यूजेवीएनएल और किसाऊ कॉरपोरेशन के एमडी डॉ. संदीप सिंघल भी शामिल हुए। मंत्रालय चाहता है कि परियोजना को जल्द से जल्द निर्माण चरण में लाया जाए। अब डीपीआर को मंजूरी के लिए केंद्र सरकार को भेजा जाएगा, जहां पर्यावरणीय और अन्य वैधानिक स्वीकृतियां ली जाएंगी।

टिहरी के बाद एशिया की दूसरी सबसे बड़ी मानी जा रही इस परियोजना से उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के 17 गांव जलमग्न होंगे। इससे करीब 1000 परिवारों का विस्थापन होगा हालांकि परियोजना पूरी होने पर 660 मेगावाट बिजली उत्पादन होगा। इसके साथ ही उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली और हिमाचल प्रदेश के किसानों को सिंचाई के लिए पानी मिलेगा, जिससे यमुना नदी में पानी की कमी भी दूर होने की उम्मीद है।

दूसरी ओर, लखवाड़ बहुद्देशीय परियोजना को भी सरकार फिर से गति देने की तैयारी में है। इस परियोजना को वर्ष 1976 में मंजूरी मिली थी, लेकिन 1992 में काम रोक दिया गया। अब 300 मेगावाट क्षमता वाली इस परियोजना को दोबारा शुरू करने की अनुमति मिल चुकी है।

देहरादून के लोहारी गांव के पास यमुना नदी पर 204 मीटर ऊंचा कंक्रीट बांध बनाया जाएगा। इसकी जल संग्रहण क्षमता 330.66 मिलियन क्यूबिक मीटर होगी। परियोजना से 33,780 हेक्टेयर भूमि पर सिंचाई संभव होगी।

इसके अलावा यमुना बेसिन से जुड़े छह राज्यों को घरेलू, औद्योगिक और पीने के पानी के लिए 78.83 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी उपलब्ध कराया जाएगा। लखवाड़ से जुड़ी व्यासी परियोजना के तहत यूजेवीएनएल पहले ही 120 मेगावाट बिजली उत्पादन शुरू कर चुका है।

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