रिपोर्ट – शुभम कोटनाला
देहरादून – प्रदेश में केदारनाथ विधानसभा सीट के उपचुनाव की घोषणा होना अभी बाकी है लेकिन राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी है। केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दल। इसे चुनौती के रूप में देख रहें हैं।
भाजपा की चुनौती और रणनीति
हाल ही में हुए बद्रीनाथ और मंगलौर विधानसभा उपचुनावों में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा है, जिससे पार्टी के लिए केदारनाथ उपचुनाव एक महत्वपूर्ण चुनौती बन गया है। भाजपा प्रदेश महामंत्री आदित्य कोठारी ने इन परिणामों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मंगलौर विधानसभा सीट पर भाजपा का प्रदर्शन अपेक्षाकृत अच्छा रहा है, जबकि बद्रीनाथ विधानसभा उपचुनाव में मिली हार की समीक्षा की गई है। उन्होंने आश्वस्त किया कि जो गलतियां हुई थीं, उन्हें दोहराया नहीं जाएगा।
आदित्य कोठारी ने कहा, “भाजपा केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव के लिए रणनीति तैयार कर रही है और हमें पूरा विश्वास है कि हम इस उपचुनाव को भारी बहुमत से जीतने में सफल होंगे।” पार्टी ने केदारनाथ में अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए विशेष रणनीतियों पर काम करना शुरू कर दिया है।
कांग्रेस की स्थिति
कांग्रेस भी केदारनाथ उपचुनाव को लेकर सक्रिय है और इस चुनाव को अपनी राजनीतिक स्थिति को सुधारने का एक अवसर मान रही है। कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता स्थानीय स्तर पर सक्रिय रूप से प्रचार में जुटे हुए हैं और पार्टी के लिए यह चुनाव जीतना एक प्रमुख लक्ष्य है। पार्टी ने अपने उम्मीदवार के चयन और प्रचार की रणनीति को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में तेजी लाने का निर्णय लिया है।