रिपोर्ट – कान्ता पाल
नैनीताल – उत्तराखंड हाईकोर्ट ने ऋषिकेश में गंगा की सहायक चंद्रभागा नदी पर उत्तराखंड पेयजल निगम के द्वारा 8 एमएलडी का एसटीपी प्लांट नियमों को ताक पर रखकर लगाए जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट की खण्डपीठ ने पेयजल निगम व सरकार से दो सप्ताह के भीतर स्थिति से अवगत कराने को कहा है। मामले की सुनवाई के लिए कोर्ट ने दशहरे के बाद कि तिथि नियत की है।
आपकों बता दें कि महादेव मंदिर ट्रस्ट के कुलबिन्दर सिंह रावत ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि ऋषिकेश में उत्तराखंड पेयजल निगम के द्वारा बिना एनजीटी व राज्य प्रदूषण बोर्ड से अनुमति लिए नियमों को ताक पर रखकर गंगा की सहायक नदी चंद्रभागा पर 8 एमएलडी ट्रीटमेंट प्लांट बनाया जा रहा है। ट्रीटमेंट प्लांट लगने से चंद्रभागा व गंगा नदी प्रदूषित होने के साथ साथ स्थानीय लोगों को कई स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं जैसे दुर्गंध और जहरीली गैसों का रिसाव आदि से जूझना पड़ सकता है इसलिए इस एसटीपी ट्रीटमेंट प्लांट के निर्माण पर रोक लगाकर इसे लक्कड़घाट अथवा चोरपानी ढालवाला में शिफ्ट किया जाय।
इस सम्बंध में स्थानीय लोगों के द्वारा राज्य सरकार को अपना प्रत्यावेदन दिया लेकिन अभी तक उस पर कोई अग्रिम कार्यवाही नहीं हुई। जनहित याचिका में कोर्ट से प्रार्थना की है कि इसके निर्माण कार्य पर रोक लगाने के आदेश राज्य सरकार को दिए जाय।