उत्तराखंड- उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में आगामी चारधाम यात्रा की तैयारियों को लेकर बैठक की। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड की चारधाम यात्रा पर देश और दुनिया की नजर रहती है। यात्रा को सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए हर स्तर पर कार्य किये जाएं। यह यात्रा राज्य की लाइफलाइन है और आर्थिकी का बड़ा माध्यम है। पिछले साल की यात्रा में आई चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए आगे की योजना पर कार्य किये जाने के निर्देश अधिकारियों को दिए। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाए कि श्रद्धालुओं को अनावश्यक रूप से परेशानी न हो। चारधाम यात्रा मार्गों में श्रद्धालुओं के लिए हेल्थ स्क्रीनिंग टैस्ट की समुचित व्यवस्था की जाए। इसके साथ ही पशुपालन विभाग समय पर घोड़े-खच्चरों का स्वास्थ्य परीक्षण भी करे। साथ ही यात्रा मार्ग पर घोड़े-खच्चरों के लिए पर्याप्त संख्या में गर्म पानी और चारे की व्यवस्था उपलब्ध रहे। यात्रा शुरू होने से पहले संकरे मार्गों का चौड़ीकरण और जिन स्थानों पर सड़क निर्माण से सबंधित कार्य चल रहे हैं, उन्हें जल्द पूर्ण किया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि यात्रा मार्गों पर श्रद्धालुओं को अनावश्यक रूप से रूकना न पड़े। आपको बता दे उत्तराखंड में 2025 के लिए एक बार फिर चारधाम यात्रा शुरू होने वाली है. इसके लिए बसंत पंचमी पर चार धामों में से एक श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट खोलने के तारीख की घोषणा कर दी गई है. आपार श्रद्धा और भक्ति से सराबोर लोग हर साल लाखों की संख्या में चारधाम की यात्रा करते हैं. ऐसे में कुछ भक्त वीआईपी और वीवीआईपी दर्शन करते हैं. मगर, अब वीआईपी दर्शन करने वालों के लिए बुरी खबर है. इस बार सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है. इस बार वीआईपी दर्शन की व्यवस्था नहीं होगी. खासतौर पर पहले 1 महीने कोई वीआईपी दर्शन नहीं कर सकेगा. वही विपक्षी पार्टियो का कहना है सरकार चारधाम यात्रा को लेकर तैयारियो का दावा तो करती है पर धरातल पर कुछ नज़र नही आता। हर बार बड़े बड़े दावो के साथ परेशानी आम श्रद्धालुओं को ही उठानी पड़ती है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बैठक ली. इससे पहले 5 फरवरी को हुई बैठक में पहले ही तय किया जा चुका है कि इस बार वीआईपी दर्शन की व्यवस्था नहीं होगी वही चारो धामों में हर बार लाखो की संख्या में आम श्रद्धालु चारो धामों में दर्शन करने आते है जिनको मौसम की मार रोड की दुर्दशा चारो धामों में अव्यवस्थाओं से दो चार होना ही पड़ता है वही विपक्षी दलों को भी सरकार को घेरने का पूरा मौका मिल जाता है और हो भी क्यों न जब सब सही होगा तो कोई बोलेगा भी क्यों इस वजह से सरकार कामो की बात कर रही है और विपक्ष कमियों को गिनवाने का काम