उत्तराखंड- साल 2023 की विदाई के साथ ही नए साल 2024 के आगमन की तैयारियां जोरो शोरों से शुरू हो गई है। 2024 में जहां लोकसभा चुनाव को जीतने की जंग है। तो दूसरी तरफ धामी सरकार के सामने नए साल के आगमन के साथ ही दर्जन भर से ज्यादा चुनौतियां बाहे फैलाकर खड़ी है। नए साल में यूसीसी, भू कानून और मूल निवास, जैसे बड़े मुद्दे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के प्रशासनिक कौशल की परीक्षा लेंगे।
ऐसे करीब एक दर्जन मुद्दे हैं, जिनके मुख्यमंत्री को समाधान तलाशने होंगे। वहीं भू कानून और मूल निवास के मुद्दों ने सूबे की सियासत में हलचल पैदा कर रखी है। इन दोनों मसलों की राह निकालने के लिए मुख्यमंत्री ने अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में कमेटी बना दी है। इसके अलावा भी तमाम मुद्दे है जिनके हल निकालना बेहद जरूरी है। वहीं शासन ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की घोषणाओं को धरातल पर उतारने की कोशिशें भी तेज कर दी है। एसीएस राधा रतूड़ी ने अधिकारियों की बैठक लेते हुए सीएम की घोषणाओं को जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिए हैं। वहीं सरकार से लेकर संगठन तक मुख्यमंत्री धामी के कार्यों की सराहना करता हुआ नजर आ रहा है। सत्तापक्ष को पूरी उम्मीद है कि सीएम धामी सभी चुनौतियों का समाधान निकाल कर जनहित में फैसले लेंगे जबिक कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दल मुख्यमंत्री की कार्यप्रणाली से निराश नजर आते हुए मुख्यमंत्री को हर मौर्चे पर विफल बता रहे हैं। कुल मिलाकर 2023 में धामी सरकार के कामकाज की समीक्षा के साथ ही भविष्य की चुनौतियां भी हैं।
कुल मिलाकर नए साल के आगमन के साथ ही नई चुनौतियां भी धामी सरकार का इंतजार करती हुई नजर आ रही है। एक तरफ जहां यूसीसी, राज्य आंदोलनकारियों का 10 प्रतिशत क्षेतिज आरक्षण, लोकायुक्त की नियुक्ति, भू कानून, मूल निवास, निकाय चुनाव, एमओयू की ग्राउंडिंग, राष्ट्रीय खेल का आयोजन समेत तमाम ऐसे मुद्दे है जो सरकार के सामने बड़ी चुनौती है सवाल ये है कि क्या जो काम 2023 में पूरे नही हो पाए वो काम 2024 में पूरे हो पाएंगे।
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