उत्तराखंड- देवभूमि उत्तराखंड में मदरसों की जांच के मुद्दे पर एक बार फिर सियासत गरमा गई है। दरअसल राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अवैध मदरसों की जांच के आदेश दिये हैं। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद उत्तराखंड पुलिस राज्य के सभी जिलों में मदरसों की गहनता से जांच करेगी। इसके तहत राज्य में संचालित सभी मदरसों की पारदर्शिता सुनिश्चित की जाएगी। इस जांच अभियान का मुख्य उद्देश्य अवैध गतिविधियों पर रोक लगाना और यह सुनिश्चित करना है कि सभी मदरसे कानूनी ढांचे के भीतर कार्य करें। वहीं मुख्यमंत्री ने पुलिस विभाग को एक माह के भीतर इस संबंध में जांच रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिये हैं। वहीं विपक्ष ने सरकार की इस कार्यवाही पर सवाल उठाते हुए सरकार से दोहरे मापदंड ना अपनाने की अपील की है। आपको बता दें कि प्रदेश में बड़ी संख्या में बिना रजिस्ट्रेशन के मदरसों के संचालित होने की शिकायतें आ रही हैं। कई मदरसों के संचालन को बाहर से फंडिंग की जा रही है। साथ ही इनमें दूसरे राज्यों के छात्र-छात्राएं भी अध्ययनरत हैं। इनमें अवैध गतिविधियों के संचालित होने की भी आशंका बनी हुई है। इस शिकायत को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गृह विभाग व पुलिस मुख्यालय को इस संबंध में कार्यवाही करने के निर्देश दिए। वहीं एक ओर जहां मदरसों की जांच पर बवाल मचा है अब तक की बात करें तो अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के अधिकारियों के मुताबिक उधम सिंह नगर जिले में ही 129 मदरसे अवैध पाए गए हैं वहीं राजधानी देहरादून में भी 57 मदरसे अवैध रूप से चल रहे हैं अब सरकार इसी तरीके के तमाम मदरसों पर अपना शिकंजा कसने जा रही है सरकार को इस बात का भी डर है कि कहीं अन्य प्रदेशों से मदरसों मे पढ़ने को लेकर दान और चंदे के नाम पर इन मदरसों में पढ़ रहे बच्चों व उनके अभिभावक कुछ समय बाद यहां के स्थानीय निवासी होने का दावा न करें।
उत्तराखंड की धामी सरकार एक बार फिर मदरसों की जांच करने जा रही है। तमाम शिकायतों का संज्ञान लेते हुए राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गृह विभाग और पुलिस मुख्यालय को इस संबंध में कार्रवाई करने के निर्देश दिए है। सीएम धामी ने पुलिस विभाग को एक माह के भीतर रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिये हैं। मुख्यमंत्री से निर्देश मिलने के बाद पुलिस राज्य के सभी जिलों में मदरसों की गहनता से जांच करेगी। पुलिस प्रशासन का कहना है कि इस जांच अभियान का मुख्य उद्देश्य अवैध गतिविधियों पर रोक लगाना और यह सुनिश्चित करना है कि सभी मदरसे कानूनी ढांचे के भीतर कार्य करें।
वहीं विपक्षी दलों ने सरकार के इस फैसले पर सवाल खड़े किये हैं। अब तक आपको बता दें कि उत्तराखंड में वक्फ बोर्ड की संपत्ति भी बीते सालों में दोगुनी से भी अधिक हो गई है। जिस पर लगातार सवाल उठाए जाते रहे हैं। बताया जा रहा है कि बीते 21 वर्षों में वक्फ बोर्ड की संपत्ति 2000 से बढ़कर 5100 हो गई है। राज्य के कई मदरसों के संचालन को बाहर से फंडिंग की जा रही है। साथ ही इनमें दूसरे राज्यों के छात्र-छात्राएं भी अध्ययनरत हैं। इसको देखते हुए जांच के निर्देश दिये गये हैं।