उत्तराखंड: भू जल बचाने के लिए प्राइवेट बोरिंग पर प्रतिबंध

KNEWS DESK- प्राइवेट बोरिंग पर प्रतिबंध को लगा दिया गया है, क्योंकि उत्तराखंड में भू जल की संख्या कम हुई,  जिसके कारण प्राइवेट सुविधाएं बंद करी गयी| अब इसके चलते कोई भी अपार्टमेंट, होटल हॉस्पिटल, स्कूल में हैंडपम्प, और ट्यूबवेल के लिए प्राइवेट बोरिंग नहीं करवा सकते| ये सब करने के लिए अब जल संस्थान की मंजूरी लेनी पड़ेगी और जो इन नियमों का पालन नहीं करेगा, उसके लिए सख्त कार्रवाई की जाएगी| ट्यूबवेल की सुविधा लगाने के लिए खेतों पर कोई रोक टोक नहीं लगायी गयी है|

देहरादून स्थित मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया- काफी जगहों पर लू के झोके चलते दिखाई दिए हैं, उनमें से देहरादून, हरिद्वार के साथ ही टिहरी, पौड़ी, अल्मोड़ा, चम्पावत , नैनीताल जिलों में रविवार के दिन काफी गरम झोके पड़ते नज़र आये। उत्तराखंड में सितम्बर 2023 से अब तक पर्याप्त बारिश न होने से और गर्मी के बढ़ने के कारण जल सूखता जा रहा है और इस बार पेयजल का गंभीर संकट खड़ा हो गया| हर जगह लोग पानी की किल्लत से मुश्किलों का सामना कर रहे हैं| इस बीच भूजल अंधाधुंध दोहन से जमीन के नीचे का पानी बहुत जल्दी से सूखता जा रहा है, जिसके कारण पानी का लेवल भी कम होता जा रहा है|
बहुत से स्थानों पर ट्यूबवेल के पाइप बढ़ाने पड़ रहे हैं| हालात काबू से बाहर होते नज़र आ रहे हैं। जल संस्थान ने साफ शब्दों में कह दिया है कि बिना उनके अनुमति के कोई भी निजी बोरिंग नहीं करवा सकता है और अगर जिस भी स्थल में बोरिंग किया जायेगा, पहले उस क्षेत्र के भू जल स्तर की जांच की जाएगी| भूजल की स्थिति जांचने के बाद ही किसी भी बोरिंग की मंजूरी मिलेगी|

About Post Author

Leave a Reply

Your email address will not be published.